बिहार के सारण जिले में थम नहीं रहा जहरीली शराब से होने वाली मौतों का आंकड़ा, अब तक गई 57 लोगों की जान
By एस पी सिन्हा | Published: December 16, 2022 05:11 PM2022-12-16T17:11:46+5:302022-12-16T17:12:49+5:30
एक साथ इतने लोगों की मौत को लेकर बिहार का सियासी पारा चरम पर पहुंच चुका है जिसकी गूंज बिहार विधानसभा से लेकर दिल्ली के संसद तक सुनाई दे रही है।
पटना: बिहार के सारण (छपरा) जिले में जहरीली शराब से हो रही मौतों का आकंड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। मंगलवार से शुरू हुआ मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जहरीली शराब पीने से अब तक 57 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि अब भी दर्जनों लोग जीवन और मौत से जूझ रहे हैं। मृतकों का आंकड़ा और बढ़ सकता है, क्योंकि इलाज करा रहे कई लोगों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। मरने वालों में एक महिला भी शामिल है। जहरीली शराब से सबसे अधिक मौत मशरक में हुई है।
एक साथ इतने लोगों की मौत को लेकर बिहार का सियासी पारा चरम पर पहुंच चुका है जिसकी गूंज बिहार विधानसभा से लेकर दिल्ली के संसद तक सुनाई दे रही है। बताया जा रहा है कि जिले के मशरक, इसुआपुर, मढ़ौरा व अमनौर प्रखंडों में अब तक 57 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि, 18 लोगों का इलाज छपरा सदर अस्पताल, पीएमसीएच और एनएमसीएच में चल रहा है। यहां सबसे अधिक मौत मसरख प्रखंड के बहरौली गांव में हुई है। ऐसे में इस गांव में व्यापक पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
इसी के तहत प्रशासनिक अधिकारियों ने यहां के लोगों को शपथ दिलाई है कि यहां के लोग शराब का सेवन नहीं करेंगे। बड़ी संख्या में यहां लोगों के बीच चौपाल लगाई गई और अधिकारियों ने लोगों को शराब नहीं पीने की शपथ दिलाई। इसबीच सारण में जहरीली शराब से हुई मौत में पुलिस-प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। जहरीली शराब को बनाने में थाने में जब्त स्प्रिट के इस्तेमाल की आशंका जताई जा रही है। प्रारंभिक स्तर पर जांच में यह बातें सामने आई हैं। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने इस दिशा में जांच भी शुरू कर दी है।
सूत्रों के अनुसार, मशरक थाने के मालखाने में रखी गई जब्त स्प्रिट के कंटेनर से ढक्कन गायब मिले हैं। कई कंटेनर से जब्त स्प्रिट भी गायब है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि जब्त स्प्रिट को शराब धंधेबाजों को बेचा गया है। इसमें चौकीदार की मिलीभगत की बात भी सामने आ रही है। हालांकि, पुलिस या उत्पाद अधिकारी इस बारे में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं और जांच जारी रहने की बात कह रहे हैं।
छपरा के उत्पाद अधीक्षक रजनीश कुमार ने बताया कि मशरक थाना परिसर से स्प्रिट गायब होने का मामला उनके संज्ञान में नहीं है, लेकिन सभी थाने में जब्त कर रखी गई शराब और स्प्रिट की जांच की जा रही है। उसका सैंपल लिया जा रहा है। शराबबंदी कानून में संशोधन के बाद जब्त शराब या स्प्रिट को तुरंत नष्ट करने का आदेश दिया गया है, लेकिन पुराने मामलों में जब्त की गई शराब या स्प्रिट अब भी साक्ष्य के रूप में रखे हुए हैं।
जिस थाना क्षेत्र से अवैध शराब या स्प्रिट की खेप पकड़ी जाती थी, वहां के मालखाने में प्रदर्श के रूप में इसे रखा गया है। आशंका जताई जा रही है कि इसी जब्त स्प्रिट का शराब माफिया जहरीली शराब बनाने में इस्तेमाल कर रहे हैं।