एनएसजी, सीआईएसएफ प्रमुखों ने जम्मू में वायुसेना स्टेशन का निरीक्षण किया
By भाषा | Updated: June 30, 2021 21:56 IST2021-06-30T21:56:36+5:302021-06-30T21:56:36+5:30

एनएसजी, सीआईएसएफ प्रमुखों ने जम्मू में वायुसेना स्टेशन का निरीक्षण किया
जम्मू, 30 जून आतंकवाद रोधी बल एनएसजी और नागरिक हवाई अड्डों की रक्षा करने वाले बल केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के प्रमुखों ने बुधवार को जम्मू में वायुसेना स्टेशन पर ड्रोन का उपयोग करके किये गए आतंकी हमले के स्थल का निरीक्षण किया।
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के महानिदेशक एम ए गणपति और सीआईएसएफ के कार्यवाहक महानिदेशक एस के सक्सेना ने जम्मू हवाई अड्डे का दौरा किया जहां भारतीय वायुसेना का अड्डा स्थित है।
उन्होंने कहा कि गणपति और सक्सेना ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और वरिष्ठ अधिकारियों ने ड्रोन हमले की जांच के बारे में उन्हें जानकारी दी। एनआईए ने हमले की जांच अपने हाथ में ली है।
सीआरपीएफ प्रमुख कुलदीप सिंह का भी भारतीय वायुसेना स्टेशन का दौरा करने का कार्यक्रम था, लेकिन उनका दौरा रद्द हो गया। सिंह के पास राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का अतिरिक्त प्रभार है।
उन्होंने कहा कि उनका दौरा रद्द होने के कारण का तत्काल पता नहीं चल पाया है।
सूत्रों ने कहा कि एनएसजी के आतंकवाद रोधी ड्रोन इकाई के विशेषज्ञों ने भी भारतीय वायुसेना स्टेशन के तकनीकी क्षेत्र में अपने काउंटर-यूएएस तंत्र के कामकाज का प्रदर्शन किया। यूएएस का मतलब अज्ञात हवाई प्रणाली है।
समझा जाता है कि एनएसजी ने यह उपकरण विदेश से खरीदा है और इसका उपयोग मानव रहित यानों (यूएवी), ड्रोन और संदिग्ध उड़ने वाली वस्तुओं का पता लगाने के लिए किया जाता है जो रडार स्तर से नीचे उड़ान भरते हैं।
सीआईएसएफ की ड्रोन-रोधी तंत्र में हिस्सेदारी है क्योंकि उसे श्रीनगर, दिल्ली और मुंबई के संवेदनशील हवाई अड्डों सहित 64 नागरिक हवाई अड्डों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
शनिवार देर रात भारतीय वायुसेना स्टेशन पर ड्रोन द्वारा दो बम गिराए गए जिसमें दो वायुसैनिकों को मामूली चोटें आईं थीं। यह पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों द्वारा महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर हमला करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करने का पहला मामला था।
जम्मू हवाई अड्डे से अंतरराष्ट्रीय सीमा की हवाई दूरी 14 किलोमीटर है।
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