अगर दिल्ली में लागू हुआ एनआरसी तो जानिए आपको किन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत
By स्वाति सिंह | Updated: September 25, 2019 16:10 IST2019-09-25T16:10:33+5:302019-09-25T16:10:33+5:30
NRC: भारत में सिटीजनशिप एक्ट 1955 में पास हुआ था. अब तक एक्ट में 1986, 2003, 2005 और 2015 में संशोधन हो किया जा चुका हैं। सिटीजनशिप एक्ट के माध्यम से ही केंद्र सरकार के पास किसी को नागरिक मानने और ना मानने का अधिकार होता है।

सिटीजनशिप एक्ट के माध्यम से ही केंद्र सरकार के पास किसी को नागरिक मानने और ना मानने का अधिकार होता है।
असम में एनआरसी लागू किए जाने के बाद अब हरियाणा उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इसके संकेत दिए हैं। ऐसे में आपको कुछ दस्तावेज जमा कराने होंगे जिससे आप इस देश के नागरिक माने जाएंगे। इसके अलावा दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने भी कई बार दिल्ली में एनआरसी लागू की मांग की है।
एनआरसी की सूची में अपना नाम के लिए दावा प्रपत्र की सूची-ए में दस पैतृक दस्तावेज पर भरोसा किया जाएगा। बता दें कि भारतीय संविधान में अनुच्छेद 5 से लेकर 11 तक नागरिकता को पारिभाषित करता है।
भारत में सिटीजनशिप एक्ट 1955 में पास हुआ था. अब तक एक्ट में 1986, 2003, 2005 और 2015 में संशोधन हो किया जा चुका हैं। सिटीजनशिप एक्ट के माध्यम से ही केंद्र सरकार के पास किसी को नागरिक मानने और ना मानने का अधिकार होता है।
अगर आपके पास ये दस्तावेज होंगे तो आप NRC सूची में शामिल हो सकते हैं।
1) जमीन के दस्तावेज जैसे- बैनामा, भूमि के मालिकाना हक का दस्तावेज।
2) राज्य के बाहर से जारी किया गया स्थायी निवास प्रमाणपत्र।
3) भारत सरकार की ओर से जारी पासपोर्ट।
4) किसी भी सरकारी प्राधिकरण द्वारा जारी लाइसेंस/प्रमाणपत्र।
5) सरकार या सरकारी उपक्रम के तहत सेवा या नियुक्ति को प्रमाणित करने वाला दस्तावेज।
6) बैंक/डाक घर में खाता।
7) सक्षम प्राधिकार की ओर से जारी किया गया जन्म प्रमाणपत्र।
8) बोर्ड/विश्वविद्यालयों द्वारा जारी शिक्षण प्रमाणपत्र।
9) न्यायिक या राजस्व अदालत की सुनवाई से जुड़ा दस्तावेज।
बता दें कि बीते महीने असम में बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची ऑनलाइन जारी की गई। इसमें करीब 19।07 लाख आवेदकों को बाहर रखा गया है। एनआरसी के राज्य समन्वयक कार्यालय ने एक बयान में कहा कि एनआरसी की अंतिम सूची में 311 करोड़ लोगों को शामिल किया गया है।