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अब वाहन चोरों के रद्द होंगे ड्राइविंग लाइसेंस, सूचना तकनीक से आपस में जुड़ेंगे सभी राज्यों के RTO

By नितिन अग्रवाल | Updated: October 2, 2020 06:41 IST

नितिन गडकरी की अध्यक्षता वाले परिवहन मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार राज्यों को भी अपना पोर्टल बनाने के निर्देश दिए गए हैं.

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ठळक मुद्देपुलिस अपराधियों से संबंधित जानकारी इस पोर्टल में दर्ज करेगी तथा संबंधित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) उसका लाइसेंस रद्द करेगा.पुलिस द्वारा वाहन चोर पड़कने पर संबंधित धाराओ में कार्रवाई कर उसे सजा दिला देती है.भारत में वाहन चोरों का ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान पहली बार किया जा रहा है.

नई दिल्ली: वाहन चुराने या वाहन में यात्रियों का अपहरण करने वाले अपराधियों पर चौतरफा नकेल कसने के लिए सरकार ने अनोखा फैसला किया है. अब ऐसे अपराधियों को सजा के साथ साथ अपने ड्राइविंग लाइसेंस से भी हाथ धोना पड़ेगा. अपराध साबित होने के बाद सूचना तकनीक के माध्यम से अपराधियों के डीएल व वाहन के दस्तावेजों के इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड रखे जाएंगे.

सभी राज्यों के अपने अपने पोर्टल इस एम परिवहन से जुड़े होंगे जिससे यदि अपराधी दूसरे राज्य में लाइसेंस बनवाने की कोशिश करेगा तो उसका भी पता लग जाएगा. नितिन गडकरी की अध्यक्षता वाले परिवहन मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार राज्यों को भी अपना पोर्टल बनाने के निर्देश दिए गए हैं.

पुलिस अपराधियों से संबंधित जानकारी इस पोर्टल में दर्ज करेगी तथा संबंधित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) उसका लाइसेंस रद्द करेगा. पुलिस द्वारा वाहन चोर पड़कने पर संबंधित धाराओ में कार्रवाई कर उसे सजा दिला देती है लेकिन उसका ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान पहली बार किया जा रहा है.

इसमें न केवल वाहन चोरी करने वालों बल्कि यात्रियों का अपरहण करने वाले कैब, टैक्सी या बस ड्राइवरों का भी लाइसेंस रद्द किया जाएगा. परिवहन मंत्रालय ने इसके लिए अधिसूचना भी जारी कर दी है. सरकार का मानना है कि इससे आपराधिक प्रवत्ति के व्यक्ति कैब या टैक्सी नहीं चला सकेंगे जिससे अकेली महिलाओं का कैब में सफर सुरक्षित होगा.

इसके अलावा मंत्रालय ने परिवहन विभाग के सभी अधिकारियों के लिए सड़क पर रोके गए सभी वाहनों के नंबर तथा चालक का विवरण राज्य के पोर्टल में दर्ज कराना अनिवार्य कर दिया है. इसके अतिरिक्त जिन वाहनों का चालान नहीं किया गया है उनके ड्राइवरों के चालकों के हस्ताक्षर के साथ अपनी रिपोर्ट भी अपलोड करनी होगी. इससे ड्राइवरों का बेवजह शोषण पर लगाम लगेगी.

अधिकारी ने बताया कि सभी राज्य सरकारों को स्टेट रजिस्टर ऑफ ड्राइविंग लाइसेंस बनाना अनिवार्य होगा इसमें चालक तथा वाहन की पूरी जानकारी दर्ज की जाएगी. राज्य के रिकॉर्ड को केंद्र के नेशनल रजिस्टर ऑफ ड्राइविंग लाइसेंस से जोड़ना होगा.

हर ड्राइविंग लाइसेंस के लिए एक यूनिक ड्राइविंग लाइसेंस नंबर जारी किया जाएगा. नए लाइसेंस तथा उसके नवीनीकरण के लिए भी यह नंबर जरूरी होगा. इसके साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस की सटीकता के लिए उसे आधार से जोड़ने की प्रक्रि या भी चल रही है.

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