नई दिल्ली: सहकारी समितियों एनसीसीएफ और नाफेड ने टमाटर की बढ़ती कीमतों से आम लोगों को राहत देने के लिए एक कदम उठाया है। समितियों द्वारा दिल्ली-एनसीआर और पटना में 90 प्रति किलो के दर से टमाटर बेचा जा रहा है। बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) इस पहल को अंजाम दे रहे हैं।
पिछले कुछ दिनों से टमाटर की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिला है। इसके पीछे कई कारण है लेकिन सबसे अहम कारण है खराब मौसम और भारी बारिश जिससे टमाटर के फसल पर भारी असर पड़ा है। देश में टमाटर की कीमतों इतनी बढ़ गई है कि फिलहाल ये कुछ जगहों पर 244 प्रति किलो की दर से बिक रही है।
कम दाम वाले टमाटर के लिए लोगों ने लाया लाइन
देश में बढ़ते टमाटर की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए एनसीसीएफ और एनएएफईडी 'ए' ग्रेड निर्यात गुणवत्ता वाले टमाटर को बेचना शुरू किया है। सहकारी समितियों ने कहा है कि उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया सकारात्मक रही है और शाम तक 17,000 किलोग्राम टमाटरों में से लगभग 80 प्रतिशत बिक गए थे।
समिति के अनुसार, बढ़ती मांग को देखते हुए अगले दिन से टमाटर की मात्रा बढ़ाकर 20,000 किलोग्राम से भी ज्यादा कर दिया जाएगा। यही नहीं सहकारी समितियों ने यह भी सुनिश्चित किया है इलाके के हर उपभोक्ता तक टमाटर पहुंचे, इसके लिए मोबाइल वैन को भी चालु किया गया है।
मोबाइल वैन के अलावा केंद्र भंडार आउटलेट पर भी बेचने की है योजना
गौर करने वाली बात यह है कि सहकारी समिति ने आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले से टमाटर खरीदे हैं और माल ढुलाई में छह रुपए प्रति किलो का खर्च हुआ है। ऐसे में कम दाम में टमाटर बेचने से हो रहे घाटे को केंद्र सरकार सह रही है।
मोबाइल वैन के अलावा, एनसीसीएफ ने केंद्र भंडार आउटलेट के माध्यम से टमाटर बेचने की योजना बनाई है और दिल्ली-एनसीआर में अपने सफल रिटेल आउटलेट के माध्यम से रियायती बिक्री के लिए मदर डेयरी के साथ भी बातचीत कर रही है। बता दें कि शुक्रवार को खुदरा में औसत कीमत 116.76 रुपये प्रति किलोग्राम था, अधिकतम दर 244 रुपये प्रति किलोग्राम और न्यूनतम दर 40 रुपये प्रति किलोग्राम थी।