South India Water Crisis: सिर्फ बेंगलुरु ही नहीं, पूरा दक्षिण भारत गर्मी में जल संकट से जूझ रहा..., आखिर क्या है वजह, जानें रिपोर्ट

By सतीश कुमार सिंह | Published: March 29, 2024 11:40 AM2024-03-29T11:40:10+5:302024-03-29T11:41:03+5:30

South India Water Crisis: दक्षिणी राज्यों कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में प्रमुख जलाशय अपनी क्षमता का केवल 25% या उससे कम ही भरे हैं।

Not Just Bengaluru Entire South India Karnataka, Tamil Nadu, Andhra Pradesh, and Telangana Staring Water Crisis Summer Dipping Reservoir Stores Raise Alarm | South India Water Crisis: सिर्फ बेंगलुरु ही नहीं, पूरा दक्षिण भारत गर्मी में जल संकट से जूझ रहा..., आखिर क्या है वजह, जानें रिपोर्ट

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Highlightsआंध्र प्रदेश-तेलंगाना सीमा पर नागार्जुन सागर अपनी पूरी क्षमता का 5% या उससे कम भरा हैं।श्रीशैलम जैसे अन्य बड़े बांध भी अपनी क्षमता के 30% से कम भर गए हैं।पूरे भारत में 150 प्राथमिक जलाशयों में वर्तमान जल स्तर उनकी कुल क्षमता का हिस्सा 38% है।

South India Water Crisis: भारत की प्रौद्योगिकी राजधानी बेंगलुरु में भीषण जल संकट से लाखों लोग कई माह से परेशान हैं। सरकार इस गंभीर संकट पर लगातार मीटिंग कर हल निकालने पर काम कर रही है। बढ़ते तापमान और बारिश नहीं होने के बीच बेंगलुरु एक महीने से अधिक समय से बड़े जल संकट से जूझ रहा है। अब केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट ने दक्षिण भारत को आगाह किया है। साप्ताहिक बुलेटिन में सुझाव दिया गया है कि दक्षिण भारत के कई हिस्सों को इस गर्मी में पानी की कमी का सामना करना पड़ेगा। प्रमुख बांधों में जल स्तर खतरनाक रूप से कम हो रहा है। द हिंदू रिपोर्ट के अनुसार इसका खुलासा हुआ है। दक्षिणी राज्यों कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में प्रमुख जलाशय अपनी क्षमता का केवल 25% या उससे कम ही भरे हैं।

कुछ बड़े बांध जैसे कर्नाटक में तुंगभद्रा और आंध्र प्रदेश-तेलंगाना सीमा पर नागार्जुन सागर अपनी पूरी क्षमता का 5% या उससे कम भरा हैं। तमिलनाडु में मेट्टूर और आंध्र प्रदेश-तेलंगाना सीमा पर श्रीशैलम जैसे अन्य बड़े बांध भी अपनी क्षमता के 30% से कम भर गए हैं। साप्ताहिक बुलेटिन में कहा गया है कि पूरे भारत में 150 प्राथमिक जलाशयों में वर्तमान जल स्तर उनकी कुल क्षमता का हिस्सा 38% है।

दक्षिण के सभी जलाशयों को मिलाकर इस क्षेत्र में उनकी क्षमता का केवल 23% ही भरा है, जो पिछले वर्ष दर्ज किए गए स्तर से लगभग 17% अंक कम है। जलाशयों की क्षमता और उनके मौजूदा भंडारण की तुलना से पता चलता है कि कई राज्यों में पानी का स्तर खतरनाक रूप से कम है।

कर्नाटक बांध डेटाः कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले में लिंगनमक्की जलाशय जिसकी कुल क्षमता 4.3 लाख करोड़ लीटर पानी है। वर्तमान में केवल 22% ही भरा है। कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में 4.1 लाख करोड़ लीटर की कुल क्षमता वाला सुपा जलाशय केवल 36% ही भरा है। कर्नाटक के विजयनगर जिले में 3.2 लाख करोड़ लीटर की कुल क्षमता वाला तुंगभद्रा बांध केवल 5% ही भरा है।

आंध्र प्रदेश और तेलंगानाः आंध्र प्रदेश-तेलंगाना सीमा पर 6 लाख करोड़ लीटर की क्षमता वाला श्रीशैलम जलाशय केवल 15% ही भरा है, जबकि उसी सीमा पर 5.1 लाख करोड़ लीटर की क्षमता वाला नागार्जुन सागर बांध केवल 15% ही भरा है।

तमिलनाडुः तमिलनाडु के सलेम जिले में 2.65 लाख करोड़ लीटर की पूरी क्षमता वाला मेट्टूर बांध 28% तक मात्र भरा है।

केरलः दक्षिणी राज्यों में केरल एकमात्र अपवाद है, जिसके अधिकांश प्रमुख बांध अपनी क्षमता का कम से कम 50% भरा है। इडुक्की जलाशय 47%, इदामलयार बांध 48% और कल्लाडा और कक्की जलाशय 50% तक भरा हुआ है। पानी की हालात पूरे साउथ भारत में सही नहीं है।

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