महामारी के दौरान गैर-कोविड रोगियों पर पड़ा बुरा असर, इलाज कराने वालों की संख्या में कमी आई: अध्ययन

By भाषा | Updated: July 9, 2021 16:20 IST2021-07-09T16:20:14+5:302021-07-09T16:20:14+5:30

Non-Covid patients were badly affected during the pandemic, the number of people treated came down: Study | महामारी के दौरान गैर-कोविड रोगियों पर पड़ा बुरा असर, इलाज कराने वालों की संख्या में कमी आई: अध्ययन

महामारी के दौरान गैर-कोविड रोगियों पर पड़ा बुरा असर, इलाज कराने वालों की संख्या में कमी आई: अध्ययन

नयी दिल्ली, नौ जून दिल्ली के एक बड़े निजी अस्पताल ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर कोविड-19 के प्रभाव को व्यापक रूप से समझने के लिये रोगियों के आंकड़ों के आधार पर एक अध्ययन किया है। अस्पताल के अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

अध्ययन में महामारी की शुरुआत के बाद से विभिन्न चिकित्सा और शल्य चिकित्सा गतिविधियों पर महामारी के प्रभाव के बारे में किया गया गहन अवलोकन शामिल है। इस स्थिति की तुलना महामारी से पूर्व (1 जून 2019 से 31 मार्च 2020) की स्थिति से की गई है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में एक मार्च 2020 को कोविड-19 का पहला मामला सामने आया था और अब तक 14.34 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।

अध्ययन का शीर्षक 'गैर-कोविड रोगी देखभाल और स्वास्थ्य व्यवस्था पर कोविड-19 महामारी का गंभीर प्रभाव: भारत के एक बड़े मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल का अवलोकन अध्ययन' है। दिल्ली के अपोलो अस्पताल ने यह अध्ययन किया है। जुलाई में 'इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल साइंसेज' में यह अध्ययन प्रकाशित हुआ है।

अस्पताल के एक प्रवक्ता ने कहा कि अध्ययन में अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के बीच की स्थिति का अवलोकन किया गया है। लिहाजा, इसमें अप्रैल से जून 2021 के बीच कोविड-19 की दूसरी लहर के आंकड़ों को शामिल नहीं किया गया।

इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के प्रबंध निदेशक पी शिवकुमार ने कहा, ''इस अध्ययन में बीते दो वर्ष (महामारी से पहले और बाद में) के दौरान 6,77,237 रोगियों (5,99,281 बाह्य रोगी और अस्पतालों में भर्ती 77,956 मरीजों) के आंकड़ों का अवलोकन किया गया।''

अधिकारियों ने कहा कि यह पाया गया कि क्लीनिकल प्रैक्टिस से संबंधित अधिकांश क्षेत्रों पर कोविड-19 महामारी का “महत्वपूर्ण प्रभाव” है, जिनमें ओपीडी और सर्जरी शामिल हैं।

शिवकुमार ने कहा, ''नए और पुराने दोनों तरह के रोगियों की संख्या में 57.65 प्रतिशत की गिरावट आई है। ओपीडी में दिखाने वाले रोगियों की संख्या में 89.2 प्रतिशत की उल्लेखनीय कमी देखी गई। वहीं शल्य चिकित्सा कराने वाले रोगियों की आमद में 80.75 प्रतिशत की कमी आई।''

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को उस डर के प्रभाव को ध्यान में रखना होगा, जिसके परिणामस्वरूप रोगियों ने अपनी स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को नजरअंदाज किया है। ऐसा करना हानिकारक हो सकता है।

बहरहाल, डॉक्टरों ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने दुनिया भर में स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित कर दिया है। इस अत्यधिक संक्रामक वायरल रोग के प्रसार से निपटने के लिए संपूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं को बदलना पड़ा है।

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Web Title: Non-Covid patients were badly affected during the pandemic, the number of people treated came down: Study

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