Noida Twin Tower: ट्विन टावर गिराए जाने से 500 करोड़ का नुकसान, सुपरटेक लिमिटेड के चेयरमैन अरोड़ा ने कहा- फ्लैट खरीदने वाले ग्राहकों को 12 प्रतिशत की दर से ब्याज दिए
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 28, 2022 04:49 PM2022-08-28T16:49:29+5:302022-08-28T16:50:33+5:30
Noida Twin Tower Demolition: टावर नोएडा के सेक्टर 93ए में एक्सप्रेसवे पर स्थित सुपरटेक की एमराल्ड कोर्ट परियोजना का हिस्सा थे।
नई दिल्लीः रियल्टी फर्म सुपरटेक लिमिटेड के चेयरमैन आर के अरोड़ा ने रविवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद नोएडा स्थित ट्विन टॉवर इमारत को गिराए जाने से कंपनी को करीब 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
अरोड़ा ने कहा कि इस इमारत को ढहाए जाने से उसके निर्माण पर आई लागत एवं कर्ज पर देय ब्याज के रूप में कंपनी को करीब 500 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। उच्चतम न्यायालय ने स्थापित मानकों का उल्लंघन कर इस 100 मीटर ऊंची आवासीय इमारत के निर्माण को गैरकानूनी बताते हुए इसे विस्फोटक का इस्तेमाल कर गिराए जाने का आदेश दिया था।
Noida, UP | Cleaning process underway in the vicinity of #SupertechTwinTowers that were demolished today pic.twitter.com/YJQpRABkVl
— ANI (@ANI) August 28, 2022
उसी आदेश का पालन करते हुए रविवार अपराह्न 2.30 बजे इस इमारत के दोनों टावर विध्वंसक लगाकर महज कुछ सेकंड में धराशायी कर दिए गए। अरोड़ा ने कहा, ‘‘हमारा कुल नुकसान करीब 500 करोड़ का हुआ है। इसमें इमारत के निर्माण और जमीन की खरीद पर आई लागत के अलावा नोएडा प्राधिकरण को तमाम मंजूरियों के लिए दिए गए शुल्क और बैंकों को कर्ज पर दिया गया ब्याज शामिल है।
Broadly, no damage to nearby housing societies. Only some bit of debris has come towards the road. We will get a better idea of the situation in an hour: Noida CEO Ritu Maheshwari #SupertechTwinTowerspic.twitter.com/7pfZHu2qGs
— ANI (@ANI) August 28, 2022
इसके अलावा हमें इन टावर में फ्लैट खरीदने वाले ग्राहकों को भी 12 प्रतिशत की दर से ब्याज देना पड़ा है।’’ ये दोनों टावर नोएडा के सेक्टर 93ए में एक्सप्रेसवे पर स्थित सुपरटेक की एमराल्ड कोर्ट परियोजना का हिस्सा थे। इन टावर में बने 900 से अधिक फ्लैट की मौजूदा बाजार मूल्य के हिसाब से कीमत करीब 700 करोड़ रुपये थी।
#WATCH | 'Controlled implosion' turns Noida's #SupertechTwinTowers to dust pic.twitter.com/zDksI6lfIF
— ANI (@ANI) August 28, 2022
अरोड़ा ने कहा कि अदालत ने भले ही इन टावर को गिराने का आदेश दिया लेकिन सुपरटेक ने नोएडा विकास प्राधिकरण की तरफ से स्वीकृत भवन योजना के अनुरूप ही इनका निर्माण किया था। उन्होंने कहा कि इन दोनों टावर को विस्फोटक लगाकर ढहाए जाने के लिए एडिफिस इंजीनियरिंग कंपनी को सुपरटेक 17.5 करोड़ रुपये का भुगतान कर रही है। एडिफिस ने इसे अंजाम देने का जिम्मा दक्षिण अफ्रीकी फर्म जेट डिमॉलिशंस को सौंपा था।