सब्जियों की महंगाई से अक्टूबर तक राहत मिलने की उम्मीद नहीं, मानसून से बाधित हो रही है आपूर्ति श्रृंखला
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: July 28, 2023 05:26 PM2023-07-28T17:26:31+5:302023-07-28T17:33:01+5:30
सब्जी उगाने वाले किसानों और व्यापारियों का कहना है कि अक्टूबर से पहले मंहगाई की समस्या से निजात मिलती नहीं दिख रही है। देश के कई शहरों में टमाटर की खुदरा कीमतें 150 से 200 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं।
नई दिल्ली: इस समय देश के लगभग हर हिस्से में लोग सब्जियों की कीमत से परेशान हैं। रोजाना इस्तेमाल की जानी वाली सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं जिसमें टमाटर प्रमुख है। अभी आने वाले कुछ महीनों में सब्जियों की महंगाई से राहत भी मिलने वाली नहीं है। सब्जी उगाने वाले किसानों और व्यापारियों का कहना है कि अक्टूबर से पहले मंहगाई की समस्या से निजात मिलती नहीं दिख रही है।
मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि सब्जियों की कीमतें, जिनका समग्र उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में 6% हिस्सा है, जून में सात महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं, जो महीने-दर-महीने 12% बढ़ रही हैं।
आमतौर पर सब्जियों की कीमतें अगस्त से कम हो जाती हैं। इस महीने तक नई फसल आ जाती है। लेकिन इस साल ऐसा होने की उम्मीद नहीं है। व्यापारियों का मानना है कि अक्टूबर तक कीमतें ऊंची रहेगी क्योंकि आपूर्ति कम रहेगी। व्यापारियों का कहना है कि मानसून सब्जी आपूर्ति श्रृंखला को बाधित कर रहा है।
सब्जियों की कीमतों का असर सिर्फ आम आदमी की जेब पर ही नहीं हो रहा है। इसके राजनीति को भी प्रभावित करने के आसार हैं। आने वाले महीनों में कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। माना जा रहा है कि प्याज, बीन्स, गाजर, अदरक, मिर्च और टमाटर जैसे महंगे खाद्य पदार्थ अगले कुछ महीनों में राज्य चुनावों से पहले मतदाताओं में असंतोष पैदा करेंगे। इतना ही नहीं ऊंची कीमतें खुदरा मुद्रास्फीति को बढ़ावा भी देंगी। खुदरा मंहगाई जुलाई में सात महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है।
बता दें कि देश के कई शहरों में टमाटर की खुदरा कीमतें 150 से 200 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं। महंगाई के कारण टमाटर लोगों की थाली से गायब हो गया है। हालात ऐसे हैं कि केंद्र सरकार कम कीमत पर लोगों को टमाटर मुहैया करा रही है।