अयोध्या पर पुनर्विचार याचिका नहींः सुन्नी वक्फ बोर्ड, भाजपा ने कहा- यह राष्ट्र हित में और राष्ट्रीय सौहार्द के लिए
By भाषा | Published: November 26, 2019 05:30 PM2019-11-26T17:30:23+5:302019-11-26T17:30:23+5:30
भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने अयोध्या विवाद पर आए उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करने के सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के निर्णय का मंगलवार को स्वागत किया और कहा कि यह राष्ट्र हित में और राष्ट्रीय सौहार्द के लिए है।
भाजपा ने अयोध्या पर आए फैसले को चुनौती नहीं देने के सुन्नी वक्फ बोर्ड के फैसले का स्वागत किया
भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने अयोध्या विवाद पर आए उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करने के सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के निर्णय का मंगलवार को स्वागत किया और कहा कि यह राष्ट्र हित में और राष्ट्रीय सौहार्द के लिए है।
हुसैन ने कहा कि अयोध्या मामले पर आए उच्चतम न्यायालय के फैसले को सभी ने स्वीकार किया है और आदेश आने के बाद देशवासियों ने शांति और सौहार्द को कायम रखा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अयोध्या पर आए फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करने के सुन्नी वक्फ बोर्ड के फैसले का स्वागत करता हूं। यह राष्ट्र हित में है और देश में सौहार्द कायम रखने के लिए है।’’
हुसैन ने कहा, ‘‘हिंदू और मुस्लिम समुदाय ने अयोध्या फैसले के बाद जिस तरह की परिपक्वता और एक दूसरे के प्रति संवेदनशीलता दिखाई है, वह दिखाता है कि भारतीयों के लिए भाईचारा सर्वोपरि है।’’ इससे पहले सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ज़ुफर फारूकी ने कहा, ‘‘बोर्ड ने मंगलवार को अयोध्या पर आए उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करने का फैसला किया है, लेकिन वैकल्पिक स्थान पर मस्जिद बनाने के लिए आवंटित पांच एकड़ जमीन को स्वीकार करने को लेकर फैसला किया जाना बाकी है।’’
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की बैठक के बाद जारी बयान में फारूकी ने कहा, ‘‘ बोर्ड ने बाबरी मस्जिद विवाद में आए उच्चतम न्यायालय के फैसले पर विचार किया। बोर्ड ने अपना रुख दोहराया है कि वह पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करेगा।’’ इस बैठक में आठ में से सात सदस्य शामिल हुए। उल्लेखनीय है कि नौ नवंबर को उच्चतम न्यायालय की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से अयोध्या के विवादित स्थल पर राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ किया था। साथ ही सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए केंद्र से पांच एकड़ जमीन आवंटित करने को कहा था।