'प्रधानमंत्री बनने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं', दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात के बाद बोले सीएम नीतीश कुमार
By रुस्तम राणा | Published: September 5, 2022 09:00 PM2022-09-05T21:00:03+5:302022-09-05T21:00:03+5:30
राहुल गांधी से मुलाकात के बाद जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) के नेता ने एकबार फिर से प्रधानमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षाओं को खारिज कर दिया।
नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को नई दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की। सीएम नीतीश कुमार ने बिहार सरकार को कांग्रेस के समर्थन के लिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का आभार व्यक्त किया। दरअसल, बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात है।
इस मुलाकात के जरिए दोनों नेताओं के बीच लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर रणनीति पर चर्चा हुई। राहुल गांधी से मुलाकात के बाद
जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) के नेता ने एकबार फिर से प्रधानमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षाओं को खारिज कर दिया।
Bihar CM Nitish Kumar expressed gratitude to Congress MP Rahul Gandhi, for Cong's support to the Bihar govt. Strategy for the 2024 polls discussed; concrete discussions to continue. Both leaders discussed the possibility of bringing like-minded parties together: Congress Sources https://t.co/N4R3FVqB1I
— ANI (@ANI) September 5, 2022
कुमार ने कहा, "क्षेत्रीय दलों को कमजोर करने के लिए एक ठोस प्रयास किया जा रहा है। मेरा प्रयास आम चुनाव से पहले विपक्ष को एकजुट करना है। मेरा प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में खुद को खड़ा करने का कोई इरादा नहीं है।"
नीतीश कुमार सोमवार को तीन दिवसीय दौरे के तहत दिल्ली पहुंचे है। वे इस दौरान कई प्रमुख विपक्षी नेताओं से मिलने की संभावना है, जिसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के शरद पवार, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल और जेडीएस के अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी शामिल हैं।
बिहार सीएम का समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव और वाम दलों के नेताओं से भी मिलने का कार्यक्रम है। कुमार के साथ इस दौरे में उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लल्लन सिंह और बिहार के मंत्री संजय झा के अलावा अशोक चौधरी भी हैं।
बता दें कि बिहार सीएम ने इससे पहले भी यह कहा था कि वे 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को एक संयुक्त मोर्चे के रूप में लड़ने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने का प्रयास कर रहे हैं।