चुनाव आयोग ने गुरुवार को सरकार के उस नियम पर रोक लगा दिया, जिसमें 65 साल के ज्यादा उम्र के मतदाताओं को पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान करने की सुविधा दी गई थी। चुनाव आयोग ने इस नियम को लागू करने के लिए चुनौतियों और बाधाओं का हवाला देते हुए विधानसभा चुनाव और निकट भविष्य में लागू करने से इनकार कर दिया।
चुनाव आयोग ने हालांकि बिहार विधानसभा चुनाव और उपचुनाव में 80 वर्ष से ज्यादा आयु के मतदाताओं और दिव्यांगों के लिए वैकल्पिक डाकमत की सुविधा देने का फैसला किया है। इसके अलावा आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों और कोविड-19 से संक्रमित रोगियों को भी डाक मतपत्र से मतदान करने की सुविधा मिलेगी।
सेफ्टी प्रोटोकॉल के कारण चुनाव आयोग ने लगाई रोक
चुनाव आयोग ने बताया कि "यह कोविड-19 के लॉजिस्टिक्स, मैनपावर और सेफ्टी प्रोटोकॉल के कारण किया गया। कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए आयोग ने पहले ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की संख्या को एक हजार तक सीमित कर दिया है।"
विधि मंत्रालय ने दे दी है पोस्टल बैलेट से मतदान की अनुमति
बता दें कि विधि मंत्रालय ने अक्टूबर 2019 में 80 साल या उससे अधिक आयु के लोगों को लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान डाक मतपत्र के जरिए मतदान की अनुमति दे दी थी। मंत्रालय ने इस साल 19 जुलाई को नियमों में बदलाव को अधिसूचित किया, जिसमें 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों को डाक मतपत्र के जरिए मतदान की अनुमति देने की बात की गई है।
65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को कोरोना का ज्यादा खतरा
बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को ज्यादा है, जो मधुमेह, उच्च रक्तचाप और किडनी की बीमारियों सहित पुरानी बीमारी से ग्रसित हैं। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को भी कोविड-19 का खतरा अधिक है। डॉक्टर ऐसे लोगों से बाहर ना निकलने के लिए लगातार कह रहे हैं।