किसी राजनीतिक व्यक्ति का फोन टैप नहीं हुआ : धारीवाल
By भाषा | Updated: March 17, 2021 20:40 IST2021-03-17T20:40:27+5:302021-03-17T20:40:27+5:30

किसी राजनीतिक व्यक्ति का फोन टैप नहीं हुआ : धारीवाल
जयपुर, 17 अप्रैल राजस्थान सरकार ने राज्य में नेताओं के फोन टैपिंग के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए बुधवार को कहा कि राज्य में किसी विधायक, सांसद या जनप्रतिनिधि का फोन टैप नहीं हुआ है। वहीं इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष व विपक्ष के सदस्यों के बीच गर्मागर्मी के बीच विधानसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।
शून्यकाल में इस मुद्दे पर हुई आधे घंटे की चर्चा का जवाब देते हुए संसदीय मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि राज्य में किसी विधायक, मंत्री, लोकसभा या राज्यसभा सदस्य या किसी भी स्तर के जनप्रतिनिधि का फोन टैप (इंटरसेप्ट) नहीं हुआ है। उन्होंने विपक्ष को चुनौती दी कि अगर वह अपने आरोप साबित कर दे तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित पूरी सरकार इस्तीफा दे देगी।
उन्होंने कहा,'फोन टैपिंग को लेकर विपक्ष का मुख्य आरोप है कि केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों, विधायकों,जनप्रतिनिधियों का फोन टैप किया गया... साबित कर दो मुख्यमंत्री इस्तीफा देने को तैयार हैं, मुख्यमंत्री क्यों हम सब इस्तीफा देने को तैयार हैं। हम सब इस्तीफा दे देंगे। करो साबित। किसी भी स्तर के जनप्रतिनिधि का फोन टैप हुआ हो तो साबित करके बताओ।'
इस मुद्दे को लेकर विपक्ष पर पलटवार करते हुए धारीवाल ने आरोप लगाया कि विपक्ष फोन टैपिंग का मुद्दा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को बार बार बचाने के लिए उठाता है। उन्होंने कहा,'मोटे तौर पर तो उन पर इतना बड़ा आरोप था कि प्रधानमंत्री को उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए था लेकिन उन्हें बर्खास्त नहीं किया गया। ऐसा लगता है कि यह मांग दुबारा नहीं उठे इसलिए विपक्ष बार बार यह मुद्दा उठाता है।'
धारीवाल ने कहा कि अगर वे शेखावत पाक साफ हैं तो वायस सैंपल क्यों नहीं देते। उन्होंने कहा कि राज्य में किसी राजनीतिक व्यक्ति की निजता का उल्लंघ नहीं हुआ है और राज्य सुरक्षा व लोकहित में फोन टैप प्रकरणों का फैसला मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति कानून प्रदत्त अधिकारों के तहत करती है। धारीवाल ने स्पष्ट किया कि यदि प्रतिपक्ष के सदस्य इस सम्बन्ध में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह को बुलाकर उनकी आवाज चेक करादे तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने आज तक किसी भी सदस्य की कोई फोन टेपिंग नहीं कराया जबकि केन्द्र सरकार की ओर से 90 हजार लोगों की फोन टैपिंग की गई।
इससे पहले धारीवाल ने इस सम्बन्ध में अपने लिखित वक्तव्य में बताया कि इंडियन टेलीग्राफ एक्ट 1885 के अन्तर्गत भारत सरकार एवं राज्य सरकार को ‘टेलीफोन इंटरसेप्शन’ के लिए अधिकृत किया गया है तथा लोक व्यवस्था राष्ट्र एवं राज्य की सुरक्षा एवं अपराध घटित होने से रोकने के लिए-विधि द्वारा विहित उद्देश्यों की पूर्ति के लिए राजस्थान पुलिस की इकाइयों द्वारा विधिक इंटरसेप्शन किये जाते है।
उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था सभी राज्यों में समान रूप से प्रचलित है । उन्होंने कहा कि आवश्यक होने पर केन्द्र सरकार इंटर स्टेट इंटरसेप्शंस की अनुमति भी प्रदान करती है। यह कोई नई बात नहीं है।
धारीवाल ने कहा कि हमारी परम्परा रही है कि हमने किसी भी जनप्रतिनिधि की कोई निजता न पहले भंग की है न आगे भंग करेंगे। उन्होंने कहा ‘‘ एसओजी द्वारा 17 जुलाई 2020 को लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को धनबल से गिराने के मुकदमे दर्ज किये। मुकदमे को बाद में एसीबी को स्थानांतरित किया गया। इस प्रथम सूचना रिपोर्ट में एक व्यक्ति गजेन्द्र सिंह का भी नाम है जो संजय जैन से वार्ता कर सरकार गिराने का षडयंत्र कर रहे हैं, ये गजेन्द्र सिंह कौन है ? क्यों नहीं जांच में सहयोग करते हैं, जिससे सच्चाई सामने लाई जा सके।’’
भाजपा द्वारा उक्त आडियो क्लिप मुख्यमंत्री के एक विशेषाधिकारी ओएसडी लोकेश शर्मा द्वारा तैयार किए जाने व वितरित किए जाने के आरोप पर मंत्री ने कहा कि शर्मा को यह आडियो क्लिप एक व्हाटसएप ग्रुप में मिली थी जिन्होंने उसे केवल फारवर्ड किया और यह कोई गुनाह नहीं है।
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ तथा विधायक सतीश पूनियां ने इसको लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने सरकार से उस अधिकारी की जानकारी देने को कहा जिसके कहने पर फोन टैप हुई। राठौड़ ने मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग की।
उल्लेखनीय है कि इस मुद्दे को लेकर विपक्षी भाजपा सदस्यों ने मंगलवार को दिन भर आसन के सामने आकर नारेबाजी की व धरना दिया था। वहीं सदन ने भाजपा विधायक मदन दिलावर का सात दिन का निलंबन बुधवार को रद्द कर दिया। दिलावर को मंगलवार को सदन की कार्यवाही से निलंबित किया गया था।
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