प्लास्टिक थैली नहीं, अब कांच की बोतल में बिकेगा दूध

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: August 21, 2019 08:41 AM2019-08-21T08:41:10+5:302019-08-21T08:41:10+5:30

बैठक में कंपनियों से दूध की गुणवत्ता अच्छी बनाए रखने और दूध आपूर्ति कांच की बोतल में करने के निर्देश दिए जाने की संभावना है. कई वर्ष पहले दिल्ली में दिल्ली मिल्क स्कीम (डीएमएस) कांच की बोतलों में ही दूध की आपूर्ति करती थी. फिलहाल दूध कंपनियां थैलियों में दूध की आपूर्ति करती हैं.

No plastic bag, now milk will be sold in glass bottle | प्लास्टिक थैली नहीं, अब कांच की बोतल में बिकेगा दूध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को अपने भाषण में कहा था कि दो अक्तूबर से पॉलिथीन पर बैन लगाया जाएगा.

Highlightsकंपनियों को कांच की बोतल से दूध आपूर्ति करने के लिए विभाग ने आकर्षक योजना भी तैयार की है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को अपने भाषण में कहा था कि दो अक्तूबर से पॉलिथीन पर बैन लगाया जाएगा.

प्लास्टिक की थैलियों पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में पहल करते हुए केंद्र सरकार ने अब कांच की बोतल में दूध वितरित कराने की योजना तैयार की है. योजना पर अमल के लिए केंद्रीय पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन विभाग ने दिल्ली में दूध आपूर्ति करनेवाली कंपनियों की बुधवार को बैठक बुलाई है.

बैठक में कंपनियों से दूध की गुणवत्ता अच्छी बनाए रखने और दूध आपूर्ति कांच की बोतल में करने के निर्देश दिए जाने की संभावना है. कई वर्ष पहले दिल्ली में दिल्ली मिल्क स्कीम (डीएमएस) कांच की बोतलों में ही दूध की आपूर्ति करती थी. फिलहाल दूध कंपनियां थैलियों में दूध की आपूर्ति करती हैं.

कंपनियों को कांच की बोतल से दूध आपूर्ति करने के लिए विभाग ने आकर्षक योजना भी तैयार की है. जिसमें कंपनी और उपभोक्ता के हितों का ध्यान रखा गया है. केंद्रीय पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'लोकमत समाचार' को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को अपने भाषण में कहा था कि दो अक्तूबर से पॉलिथीन पर बैन लगाया जाएगा.

इस दिन महात्मा गांधी की जयंती है और इसी तिथि से स्वच्छता अभियान की शुरुआत पूरे देश में की गई थी. प्लास्टिक बैन के लिए देखा जा रहा है कि एक बार इस्तेमाल के बाद कौन से उत्पादों की पॉलिथीन फेंक दी जाती है. सर्वे से पता चला कि देशभर में भारी मात्रा में दूध की थैलियां फेंक दी जाती हैं. दिल्ली में नाली और सीवर जाम होने की सबसे बडी वजह यही थैलियां हैं.

अधिकारी ने बताया कि बैठक में सभी बड़ी दूध उत्पादक कंपनियों के अधिकारी हिस्सा लेंगे. कंपनियों की ओर से योजना पर अमल में कुछ परेशानियां भी होंगी. बुधवार को यह बैठक दूध कंपनियों की आपत्तियां जानने और उनका समाधान निकालने के लिए ही बुलाई गई है. इसके साथ ही दूध कंपनियों को योजना पर अमल के निर्देश दिए जाएंगे. 

थैलियों पर रोक के लिए विभाग की योजना

1. जब तक कंपनियां थैली पैक दूध पर रोक नहीं लगाएंगी, उन्हें उपभोक्ता को दूध की खाली थैली लौटाने पर एक रुपया वापस करना पड़ेगा. इससे उपभोक्ताओं की पर्यावरण संरक्षण में हिस्सेदार बढ़ेगी. इसके अलावा पॉलिथीन सीधे कूड़े, कचरे या नालियों में नहीं जाएंगी.

2. दूध कंपनियां कांच की बोतल में दूध बेचती हैं तो बोतल की कीमत पर आने वाले खर्च को लेकर भी योजना तैयार है. अगर एक लीटर दूध के लिए कांच की बोतल बनाने पर 4 रुपए खर्च आएगा तो सरकार कंपनी को 2 रुपए प्रति बोतल देने पर भी विचार कर रही है.

Web Title: No plastic bag, now milk will be sold in glass bottle

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