मोदी सरकार ने कहा- सभी सुविधाओं के लिए एक ही कार्ड जारी करने की कोई योजना नहीं
By भाषा | Published: December 3, 2019 05:51 PM2019-12-03T17:51:05+5:302019-12-03T17:51:05+5:30
सरकार ने एक अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को तैयार करने तथा उसमें ताजा जानकारी शामिल करने का प्रस्ताव रखा है।
देश की नरेंद्र मोदी सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि उसकी देश के सभी नागरिकों को समस्त सुविधाओं के लिए एक ही कार्ड जारी करने की कोई योजना नहीं है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने इस संबंध में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ‘‘फिलहाल सभी सुविधाओं के लिए एक ही कार्ड का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।’’
हालांकि उन्होंने बताया कि सरकार ने एक अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को तैयार करने तथा उसमें ताजा जानकारी शामिल करने का प्रस्ताव रखा है। मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली की समीक्षा के लिए गठित एक मंत्रिसमूह की सिफारिश पर भारत के प्रत्येक नागरिक के अनिवार्य पंजीकरण को निर्दिष्ट करने वाली धारा 14ए को तीन दिसंबर 2004 से नागरिकता अधिनियम, 1955 में शामिल किया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘नागिरकता कानून 1955 के तहत बनाये गये नागरिकता (नागरिक पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियम, 2003 के नियम 3 के उप नियम (4) के मद्देनजर केंद्र सरकार ने 2010 में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर तैयार किया और 2015 में इसे नवीनीकृत किया।’’
राय ने कहा, ‘‘अब प्रस्ताव है कि जनगणना 2021 के तहत आवासों को सूचीबद्ध करने के अभियान के पहले चरण में एक अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक जनसंख्या रजिस्टर को तैयार किया जाए और इसका नवीनीकरण किया जाए।’’ उन्होंने कहा कि अनुमान लगाया गया है कि जनगणना 2021 के लिए 8754.23 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के नवीनीकरण के लिए 3941.35 करोड़ रुपये की जरूरत होगी।