आरोपियों के दिमाग में कोई नहीं घुस सकता, इस्तेमाल हथियार से लगेगा इरादे का पता : न्यायालय

By भाषा | Updated: November 12, 2021 21:10 IST2021-11-12T21:10:11+5:302021-11-12T21:10:11+5:30

No one can enter the mind of the accused, the weapon used will reveal the intention: Court | आरोपियों के दिमाग में कोई नहीं घुस सकता, इस्तेमाल हथियार से लगेगा इरादे का पता : न्यायालय

आरोपियों के दिमाग में कोई नहीं घुस सकता, इस्तेमाल हथियार से लगेगा इरादे का पता : न्यायालय

नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को हत्या के प्रयास के मामले में दो लोगों की दोषसिद्धि को बरकरार रखते हुए कहा, “कोई भी आरोपी के दिमाग में प्रवेश नहीं कर सकता है और उसके इरादे का पता इस्तेमाल किए गए हथियार से किया जाना चाहिए”।

न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि वह निचली अदालत और झारखंड उच्च न्यायालय के विचार से पूरी तरह सहमत है।

पीठ ने कहा, “चूंकि घातक हथियार का इस्तेमाल छाती और पेट के पास चोट के लिये किया गया है, जिन्हें शरीर के महत्वपूर्ण हिस्सा कहा जा सकता है, अपीलकर्ताओं को भादंवि की धारा 307 के साथ धारा 34 के तहत अपराध के लिए सही दोषी ठहराया गया है।”

पीठ ने कहा, “जैसा कि इस अदालत द्वारा निर्णयों के क्रम में देखा और कहा गया है, कोई भी आरोपी के दिमाग में प्रवेश नहीं कर सकता है और उसके इरादे को इस्तेमाल किए गए हथियार, हमले के लिए चुने गए शरीर के हिस्से और चोट की प्रकृति से पता लगाया जाना चाहिए।”

यह फैसला सदाकत कोटवार और रेफाज़ कोटवार द्वारा दायर एक अपील पर आया, जिसमें झारखंड उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें भारतीय दंड विधान की धारा 34 (सामान्य इरादे) के साथ धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत अपराधों के लिए उनकी सजा को बरकरार रखा गया था।

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Web Title: No one can enter the mind of the accused, the weapon used will reveal the intention: Court

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