किसी को जबरदस्ती मुसलमान नहीं बनाया जा सकता : शिया पर्सनल ला बोर्ड
By भाषा | Published: July 26, 2021 10:10 PM2021-07-26T22:10:52+5:302021-07-26T22:10:52+5:30
लखनऊ, 26 जुलाई आल इण्डिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने सोमवार को कहा कि कुछ लोग इस्लाम धर्म की छवि को ख़राब करने के लिए धर्म परिर्वतन की आड़ लेकर उसे बदनाम करने की कोशिश करते हैं, जबकि इस्लाम धर्म में कोई भी जोर जबरदस्ती नहीं है, किसी को जबरदस्ती मुसलमान नहीं बनाया जा सकता।
सोमवार को आल इण्डिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारिणी की बैठक राजधानी के सुल्तान-उल-मदारिस में बोर्ड के अध्यक्ष, मौलाना सैयद साएम मेंहदी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में बोर्ड की कार्यकारिणी के पदाधिकारियों और सदस्यों ने भाग लिया।
बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने बाद में एक बयान में कहा कि कुछ लोग इस्लाम धर्म की छवि को ख़राब करने के लिए धर्म परिर्वतन की आड़ लेकर उसे बदनाम करने की कोशिश करते हैं, जबकि इस्लाम धर्म में कोई भी जोर जबरदस्ती नहीं है ।
उन्होंने कहा ,‘‘ किसी को जबरदस्ती मुसलमान नहीं बनाया जा सकता। पैगंबर मोहम्मद साहब ने भी किसी को जबरदस्ती कलमा नहीं पढ़वाया । इन्सान अपनी मरज़ी से अगर इस्लाम धर्म अपनाता है तब तो वह मुसलमान है । ज़ोर जबरदस्ती किसी लालच या दबाव में अगर कोई किसी को मुसलमान बनाए तो यह इस्लाम धर्म के विरूद्ध है।’’
मौलाना अब्बास ने बताया कि जनसंख्या नियंत्रण कानून पर उत्तर प्रदेश सरकार को दोबारा गौर करना चाहिए, उसे भारत में आपसी भाईचारे और मेल-मिलाप पर ज्यादा ज़ोर देना चाहिए एवं लोगों में शिक्षा के प्रति जागरूकता पैदा करना चाहिए।
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