दिल्ली में नहीं बन सका कोई नया आईएसबीटी :कैग रिपोर्ट
By भाषा | Published: December 4, 2019 05:57 AM2019-12-04T05:57:32+5:302019-12-04T05:57:32+5:30
वर्ष 2013-14 से लेकर 2014-17 की अवधि पर केंद्रित इस रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान आईएसबीटी से संबंधित परियोजनाओं की प्रगति भी धीमी रही।
दिल्ली सरकार के सार्वजनिक उपक्रम डीटीआईडीसी के कामकाज पर कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि वह अंतरराज्यीय बस टर्मिनलों (आईएसबीटी) के अद्यतन और बस क्यू शेल्टर बनाने में पीछे चल रहा है।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट कहती है कि दिल्ली परिवहन अवसंरचना विकास निगम (डीटीडीआईसी) की विफलता की वजह से दिल्ली के उत्तरी और दक्षिण पश्चिमी छोरों-- द्वारका और नरेला में आईएसबीटी नहीं स्थापित किया जा सका जबकि उच्चतम न्यायालय ने 20 साल से भी अधिक समय पहले ऐसा करने का निर्देश दिया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन दो आईएसबीटी के माध्यम से वायु प्रदूषण घटाने के उद्देश्य को हासिल नहीं किया जा सका और हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की बसों की सराय काले खां और कश्मीरी गेट आईएसबीटी तक आवाजाही बनी हुई है।
यह रिपोर्ट दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को पेश की। वर्ष 2013-14 से लेकर 2014-17 की अवधि पर केंद्रित इस रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान आईएसबीटी से संबंधित परियोजनाओं की प्रगति भी धीमी रही। रिपोर्ट के अनुसार बस क्यू शेल्टर के प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपे जाने के पांच साल से अधिक समय बाद भी डीटीआईडीसी कोई नया शेल्टर नहीं बना पाया। भाषा राजकुमार दिलीप दिली