झारखंड में संभावित सियासी उलटफेर की खबरों पर कोई भी नेता खुलकर बोलने को नहीं है तैयार, सियासी गलियारे में अटकलों का बाजार है गरम

By एस पी सिन्हा | Updated: December 3, 2025 16:55 IST2025-12-03T16:55:16+5:302025-12-03T16:55:16+5:30

इस संबंध में पूछे जाने पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश महतो ने इसे महज अफवाह करार देते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन पूरी तरह से एकजूट है। उन्होंने कहा कि मीडिया-सोशल मीडिया के द्वारा यह फैलाई गई अफवाह है। लेकिन इसमें एक पैसा भी सच्चाई नहीं है।

No leader is willing to speak openly about the potential political upheaval in Jharkhand, and speculation is rife in political circles. | झारखंड में संभावित सियासी उलटफेर की खबरों पर कोई भी नेता खुलकर बोलने को नहीं है तैयार, सियासी गलियारे में अटकलों का बाजार है गरम

झारखंड में संभावित सियासी उलटफेर की खबरों पर कोई भी नेता खुलकर बोलने को नहीं है तैयार, सियासी गलियारे में अटकलों का बाजार है गरम

रांची:झारखंड में सियासी उलटफेर की खबरें तेजी से फैल रही हैं। हालांकि, इंडिया गठबंधन के लोग इसे अभी स्वीकार करने से इंकार कर रहे हैं। इस बीच अपने चार दिवसीय दिल्ली प्रवास के बाद बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रांची वापस लौट आए हैं। उनके चार दिवसीय यात्रा के बाद ही ऐसी चर्चाओं का बाजार गर्म है। इस संबंध में पूछे जाने पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश महतो ने इसे महज अफवाह करार देते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन पूरी तरह से एकजूट है। उन्होंने कहा कि मीडिया-सोशल मीडिया के द्वारा यह फैलाई गई अफवाह है। लेकिन इसमें एक पैसा भी सच्चाई नहीं है।

कैलाश महतो ने कहा कि मुख्यमंत्री सामाजिक कार्यों के साथ-साथ राज्य के विकास कार्यों के लिए दिल्ली प्रवास पर गए थे। लेकिन इसका यह मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए कि वह भाजपा के साथ जा रहे हैं। दिल्ली देश की राजधानी है तो संघीय ढांचे के तहत संवैधानिक पदों पर बैठे हर व्यक्ति को दिल्ली जाना ही पड़ता है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री भी दिल्ली गए हुए थे। 

उन्होंने जोर देते हुए यह दोहराया कि इंडिया गठबंधन पूरी तरह से एकजुट है और वह टूटने वाली नहीं है। वहीं, इस संबंध में पूजे जाने पर राजद की प्रदेश अध्यक्ष अनिता यादव ने ऐसी कोई खबर से इंकार किया। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि ऐसी कोई जानकारी उन्हें नहीं है तो फिर वह क्या जवाब दे सकती हैं। जबकि राजद के प्रदेश प्रवक्ता कैलाश यादव ने कहा कि मीडिया के द्वारा फैलाई गई खबर है। 

उन्होंने कहा कि जो लोग भी ऐसी अटकलें लगा रहे हैं, उन्हें प्रमाण देना चाहिए। बहुत लोग बहुत कुछ कह रहे हैं। लेकिन वह प्रमाण नही दें रहे हैं कि यह कैसे संभव है। कैलाश यादव ने कहा कि इंडिया गठबंधन मजबूती के साथ झारखंड के विकास कार्यों में जुटा है और यह टूटने वाला नहीं है। 

इस बीच झामुमो ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर लिखा है कि झारखंड झुकेगा नहीं। झामुमो प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने सफाई देते हुए कहा कि गठबंधन में जो पार्टियां हैं, आगे भी रहेंगी। उन्होंने कहा कि जो भी अफवाह उड़ रही है, उसका कोई आधार नहीं है। झामुमो गठबंधन को जो जनमत मिला है, उस जनमत का सम्मान करते हुए सरकार अगले पांच वर्ष क्या 20 वर्षों तक चलती रहेगी। 

वहीं, भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि भाजपा और झामुमो नदी नहीं, समुद्र के दो किनारे हैं। झामुमो के साथ हमारा मेल नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि भाजपा राष्ट्रवाद के सिद्धांत वाली पार्टी है और झामुमो महा तुष्टीकरण वाली पार्टी। झामुमो भ्रष्टाचार की पोषक है। हम साफ-सुथरी और जनहित की सरकार पर भरोसा करते हैं। झामुमो परिवारवाद चलाता है। हमारे यहां परिवारवाद की जगह नहीं है। 

शाहदेव ने कहा कि झामुमो के साथ जाने की दूर-दूर तक संभावना नहीं है। वहीं, झामुमो के पूर्व विधायक कुणाल षाडंगी ने कहा कि यह पूरी तरह भ्रामक खबर है। राज्य में इंडिया गठबंधन की सरकार पूरी तरह से मजबूत है। मुख्यमंत्री जब भी दिल्ली जाते हैं, तो ऐसी खबरें जानबूझ कर चलायी जाती हैं। भाजपा के लोग बेचैन हैं। इनकी जगह वर्षों तक विपक्ष में ही होगी। मुख्यमंत्री दिल्ली में राज्य सरकार की बातें रखने के लिए मिलते हैं, तो इसका राजनीतिक अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए। केंद्र सरकार पहले राज्य का 1.36 लाख करोड़ का बकाया दे। राज्य के लोगों के साथ अन्याय बंद करे। 

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 28 नवंबर की रात दिल्ली के लिए रवाना हुए। 4 दिनों तक दिल्ली में रहने के बाद बुधवार को वह रांची वापस लौट आए हैं। इधर, सरकार में उलटफेर की खबरें तेजी से फैलीं। यह चर्चा होती रही कि दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ भाजपा के आला नेताओं से मुलाकात की है। वह इंडिया गठबंधन को छोड़कर एनडीए के साथ मिलकर राज्य में सरकार चलाना चाहते हैं। इन खबरों के कारण सूबे में सियासी गहमागहमी देखी जाने लगी है। हालांकि कोई भी नेता इसपर खुलकर कुछ भी बोलने से बचता दिख रहा है।

Web Title: No leader is willing to speak openly about the potential political upheaval in Jharkhand, and speculation is rife in political circles.

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