अयोध्या विवाद सुलझाने पर बोले श्री श्री रविशंकर, उनके पास बना-बनाया कोई फार्मूला नहीं, बातचीत है जरिया
By भाषा | Updated: March 16, 2018 08:04 IST2018-03-16T08:04:56+5:302018-03-16T08:04:56+5:30
महाराष्ट्र के अहमदनगर में हुए कार्यक्रम में शामिल होने के बाद रविशंकर ने कहा कि उन्होंने वर्ष 2002 में इस विवाद में मध्यस्थता करने के प्रयास छोड़ दिए थे क्योंकि कई नेताओं ने मामले को सुलझाने में दिलचस्पी लेनी शुरू कर दी थी।

अयोध्या विवाद सुलझाने पर बोले श्री श्री रविशंकर, उनके पास बना-बनाया कोई फार्मूला नहीं, बातचीत है जरिया
मुंबई, 16 मार्च: मध्यस्थता के जरिए अयोध्या विवाद का हल ढूंढ रहे आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर ने गुरुवार को कहा कि बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद को सुलझाने के लिए उनके पास 'बना-बनाया' कोई फार्मूला नहीं है, लेकिन उन्हें भरोसा है कि बातचीत के जरिए समाधान निकल सकता है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक ने कहा कि अयोध्या विवाद में एक पक्षकार-निर्मोही अखाड़ा के रामचंद्रजी महाराज ने उनसे मामले में हस्तक्षेप करने को कहा।
महाराष्ट्र के अहमदनगर में हुए कार्यक्रम में शामिल होने के बाद रविशंकर ने कहा कि उन्होंने वर्ष 2002 में इस विवाद में मध्यस्थता करने के प्रयास छोड़ दिए थे क्योंकि कई नेताओं ने मामले को सुलझाने में दिलचस्पी लेनी शुरू कर दी थी, लेकिन हाल में दोनों पक्षों के नेता उनके पास आए और उनसे नया प्रयास करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, 'मुस्लिम धर्मगुरू( मुझसे मिलने वाले) ने भी कहा कि इस्लाम विवादित जमीन पर इबादत की इजाजत नहीं देता। दोनों पक्षों के बीच संवाद से समाधान संभव है। लेकिन कुछ तत्व इस विवाद को अपना स्वार्थ साधने के लिए आगे ले जाना चाहते हैं। मेरे पास कोई बना बनाया फार्मूला नहीं है।'
इधर, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार 14 मार्च को अयोध्या जमीन विवाद से जुड़ी कुछ याचिकाओं को खारिज कर दिया, जो याचिका ऑरिजिनल वादियों और प्रतिवादियों की ओर से दायर की गई थीं। कोर्ट का कहना था कि वह सिर्फ ऑरिजिनल पिटिशनर्स पर ही विचार करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने जिन याचिकाओं को खारिज किया है, उनमें बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी की भी याचिका शामिल है। जिसमें कहा गया था कि बाबरी मस्जिद-राम मंदिर संपत्ति विवाद में दखल की कोशिश की गई है। ऐसे में सुनवाई के बावजूद अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने में काफी विलंब हो सकता है।