दिल्ली में लॉकडाउन का सवाल ही नहीं, अमित शाह ने केजरीवाल को लगाई घुड़की
By हरीश गुप्ता | Published: June 13, 2020 07:16 AM2020-06-13T07:16:29+5:302020-06-13T07:16:29+5:30
अमित शाह और केजरीवाल की बैठक का परिणाम ही कहा जाए कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बयान जारी किया कि दिल्ली सरकार का दोबारा लॉकडाउन का कोई इरादा नहीं है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय राजधानी में दोबारा लॉकडाउन लगाने का इरादा जाहिर करने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घुड़की लगाई है. केजरीवाल दिल्ली में कोविड-19 संक्रमित मामलों और मौत में इजाफे से चिंतित थे. बुधवार की दोनों नेताओं के बीच हुई चर्चा की जानकारी रखने वाले सूत्रों के मुताबिक केजरीवाल दोबारा शहर में 15 से 21 दिन का सख्त लॉकडाउन चाहते थे. उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि 3 जून को अनलॉक 1.0 लागू होते ही कोविड-19 संक्रमितों की संख्या में जबर्दस्त उछाल देखने को मिल रहा है.
उन्होंने कहा कि 3 जून से पहले मामलों का आंकड़ा 1000 प्रतिदिन से कम था जो कि लॉकडाउन हटते ही 1500 के पार हो चुका है. मौत का आंकड़ा भी डराने लगा है.
कोई चारा नहीं रहेगा
केजरीवाल का कहना था कि अगर यह रुझान कायम रहा तो उनके पास दोबारा सख्त लॉकडाउन लगाने के अलावा कोई भी चारा नहीं रहेगा. चर्चा के दौरान केजरीवाल ने जनहित को ध्यान में रखकर लिए गए अपने फैसले दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल द्वारा बदलने का मामला भी उठाया. केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में कंटेनमेंट जोन्स की संख्या तेजी से बढ़ते हुए 92 से 242 तक पहुंच चुकी है. शाह ने ध्यान से सुनी बात इस दौरान अमित शाह ने उनकी बातों को बड़े ध्यान से सुना और जानना चाहा कि स्वास्थ्य ढांचे में क्या खामियां हैं? क्या केजरीवाल का दोबारा लॉकडाउन का विचार सभी संबद्ध एजेंसियों और अधिकारियों से मिली जानकारी पर आधारित है? अमित ने उनसे यह भी जानना चाहा कि वह आर्थिक जिम्मेदारियों और कर्मचारियों के वेतन भुगतान की जिम्मेदारी का निर्वहन कैसे करने जा रहे हैं?
पतली है दिल्ली की हालत
उल्लेखनीय है कि दिल्ली पहले ही हजारों करोड़ रु. की सहायता मांग रहा है. उसके पास फिलहाल कमाई का कोई साधन भी नहीं है. जाहिर तौर पर केंद्र चाहता है कि केजरीवाल, लॉकडाउन को सख्ती से दोबारा लगाने की योजना छोड़कर, कोविड-19 के बढ़ते मामलों और उपचार को लेकर कोई ठोस योजना पेश करें. खासतौर पर ऐसे वक्त में जब पूरा देश अनलॉक होने की प्रक्रिया से गुजर रहा है.