नयी दिल्ली, 20 दिसंबर भारतीय सार्स सीओवी-2 जिनोमिकी संगठन (इंसाकोग) ने अपने ताजा बुलेटिन में कहा है कि भारत में ओमीक्रोन की संक्रामकता, प्रतिरक्षा को मात देने की क्षमता या गंभीर रोग उत्पन्न करने की क्षमता पर अभी कोई स्पष्ट साक्ष्य नहीं प्राप्त हुआ है।
इसके साथ ही 13 दिसंबर को जारी बुलेटिन में कहा गया कि वायरस का यह नया ‘चिंताजनक’ प्रकार विश्व में तेजी से फैल रहा है।
बुलेटिन में कहा गया कि कोरोना वायरस के इस नए प्रकार की जांच के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य के कदम उठाए जा रहे हैं। इंसाकोग ने कहा, “वर्तमान में भारत में (वायरस के इस स्वरूप की) संक्रामकता, प्रतिरक्षा को मात देने की क्षमता या गंभीर रोग उत्पन्न करने की क्षमता के बारे में कोई स्पष्ट साक्ष्य मौजूद नहीं है।”
बुलेटिन में कहा गया कि डेल्टा प्रकार अब भी दुनिया में चिंता का मुख्य कारण बना हुआ है और ओमीक्रोन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
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