शाकाहारी, मांसाहारी भोजन बेचने वाले ठेलों के खिलाफ कार्रवाई में भेदभाव नहीं, अधिकारियों का दावा

By भाषा | Updated: November 16, 2021 19:36 IST2021-11-16T19:36:26+5:302021-11-16T19:36:26+5:30

No discrimination in action against carts selling vegetarian, non-vegetarian food, claim officials | शाकाहारी, मांसाहारी भोजन बेचने वाले ठेलों के खिलाफ कार्रवाई में भेदभाव नहीं, अधिकारियों का दावा

शाकाहारी, मांसाहारी भोजन बेचने वाले ठेलों के खिलाफ कार्रवाई में भेदभाव नहीं, अधिकारियों का दावा

अहमदाबाद, 16 नवंबर गुजरात के अहमदाबाद, भावनगर और राजकोट शहरों में नगर निकायों ने मंगलवार को कहा कि वे सड़क किनारे ठेला लगाने वालों के खिलाफ बिना भेदभाव के कार्रवाई कर रहे हैं, भले ही वे शाकाहारी या मांसाहारी भोजन बेचते हों।

मुख्य मार्गों पर मांसाहारी भोजन बेचने वाले ठेले के खिलाफ कार्रवाई करने के संबंध में कुछ नगर निकायों की योजना पर विवाद पैदा होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सोमवार को कहा था कि राज्य सरकार को लोगों के भोजन की पसंद से कोई समस्या नहीं है। अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) ने मंगलवार को वस्त्रपुर झील क्षेत्र से अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू किया। यहां सड़क के किनारे खाने-पीने की कई दुकानें हैं जहां शाम से देर रात तक ग्राहकों की भीड़-भाड़ दिखती है।

एएमसी की नगर नियोजन और संपदा समिति के अध्यक्ष देवांग दानी ने कहा, ‘‘एएमसी अधिकारियों ने यातायात और लोगों की आवाजाही में बाधा डालने वाले ठेला विक्रेताओं को हटाने के लिए एक अभियान शुरू किया है। इसमें मांसाहारी और शाकाहारी, दोनों तरह के भोजन के विक्रेताओं को शामिल किया गया है। कोई भेदभाव नहीं किया है। हम सड़कों को अवरुद्ध करने वाले सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।’’

असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के पार्षदों और स्थानीय नेताओं ने एएमसी मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि गरीबों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए और अभियान को रोक देना चाहिए। दानी ने सोमवार को घोषणा की थी कि स्कूलों, कॉलेजों, उद्यानों और धार्मिक स्थलों से 100 मीटर के दायरे में प्रमुख सड़कों के किनारे अंडा व्यंजन सहित मांसाहारी खाद्य पदार्थ बेचने वाले स्टॉल और गाड़ियां हटा दी जाएंगी। लेकिन, मंगलवार को उन्होंने स्पष्ट किया कि शाकाहारी खाद्य विक्रेताओं पर भी कार्रवाई होगी।

मुख्यमंत्री पटेल ने सोमवार को स्पष्ट किया था कि राज्य सरकार को किसी के खान-पान से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन अस्वच्छ सामग्री बेचने या यातायात में बाधा डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। पिछले हफ्ते, गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित आठ नगर निगमों में से पांच निगमों-अहमदाबाद, भावनगर, राजकोट, जूनागढ़ और वडोदरा ने घोषणा की थी कि वे व्यस्त सड़कों पर मांसाहारी भोजन बेचने वाले विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

गांधीनगर और सूरत शहरी निकायों द्वारा ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई थी, वहीं जामनगर की महापौर बीनाबेन कोठारी ने इस मुद्दे पर पार्षदों से सुझाव आमंत्रित किए। राजकोट के महापौर प्रदीप दाव ने सबसे पहले यह घोषणा की थी कि अंडे के व्यंजन सहित मांसाहारी खाद्य पदार्थों के विक्रेताओं को सड़कों से भीड़भाड़ कम करने के लिए मुख्य सड़कों से हटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोगों ने धार्मिक स्थलों के पास मांसाहारी खाद्य विक्रेताओं की मौजूदगी की भी शिकायत की है।

भावनगर में, 12 नवंबर को नगर निकाय द्वारा सार्वजनिक सड़कों और उन जगहों से मांसाहारी खाद्य पदार्थ बेचने वाले ठेले को हटाने का आदेश पारित किया गया जहां वे ‘धार्मिक भावनाओं को आहत’ कर सकते हैं। वडोदरा में, नगर निकाय ने विक्रेताओं से अपने माल को ढंककर रखने और स्वच्छता बनाए रखने के लिए कहा है। वडोदरा नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष हितेंद्र पटेल ने कहा कि शाकाहारी और मांसाहारी खाद्य पदार्थ बेचने वाले विक्रेताओं के बीच कोई भेदभाव नहीं गया गया।

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Web Title: No discrimination in action against carts selling vegetarian, non-vegetarian food, claim officials

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