पाकिस्तान की जेल में बंद 17 भारतीयों को परिवार का इंतजार, छह साल पहले मिली थी जानकारी

By अभिषेक पारीक | Published: June 6, 2021 08:27 PM2021-06-06T20:27:06+5:302021-06-06T20:30:22+5:30

पाकिस्तान द्वारा छह साल पहले उसकी जेल में 'मानसिक रूप से अस्वस्थ' 17 भारतीयों के बंद होने की बात कहे जाने के बाद से उनकी पहचान की पुष्टि के लिये किये जा रहे प्रयासों का कोई नतीजा नहीं निकला है।

No clue about 17 mentally unsound Indians languishing in Pakistan jails | पाकिस्तान की जेल में बंद 17 भारतीयों को परिवार का इंतजार, छह साल पहले मिली थी जानकारी

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsपाकिस्तान की जेल में बंद 17 लोगों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। ये सभी लोग अपने परिवार और पते के बारे में जानकारी देने में अक्षम हैं। पाकिस्तान ने 2015 में जेल में बंद लोगों के बारे में जानकारी दी थी। 

पाकिस्तान द्वारा छह साल पहले उसकी जेल में 'मानसिक रूप से अस्वस्थ' 17 भारतीयों के बंद होने की बात कहे जाने के बाद से उनकी पहचान की पुष्टि के लिये किये जा रहे प्रयासों का कोई नतीजा नहीं निकला है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनकी तस्वीरें भी अपनी वेबसाइट पर डाली हैं, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के साथ ही आम लोगों से भी सहायता मांगी गई है। 

एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है, लेकिन राष्ट्रीयता की पुष्टि नहीं होने की वजह से उन्हें भारत नहीं लाया जा सका। पाकिस्तान की जेल में बंद जिन 17 कैदियों को भारतीय माना जाता है उनमें से चार महिलाएं हैं और पाकिस्तानी अधिकारियों ने उन्हें गुल्लू जान, अजमीरा, नाकाया और हसीना नाम दिया है। अन्य कैदी सोनू सिंह, सुरिंदर महतो, प्रहलाद सिंह, सिलरोफ सलीम, बिरजू, राजू, बिपला, रूपी पाल, पनवासी लाल, राजू माहोली, श्याम सुंदर, रमेश और राजू राय हैं। 

गृह मंत्रालय ने कहा कि कोई व्यक्ति अगर इन 17 लोगों में से किसी की पहचान कर सकता है तो उसे गृह मंत्रालय में अवर सचिव (विदेश), राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रदेश के गृह विभाग अथवा पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक अथवा पुलिस आयुक्त से संपर्क करना चाहिए। 

परिवार के बारे में जानकारी देने में अक्षम

गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है, ‘पाकिस्तान की जेल में बंद मानसिक रूप से अस्वस्थ 17 लोगों की तस्वीर संलग्न है जिनके बारे में माना जा रहा है कि वे भारतीय हैं। ये व्यक्ति मानसिक अस्वस्थता के कारण अपने माता-पिता, रिश्तेदारों के नाम या भारत में उनके पते आदि समेत और कोई भी जानकारी देने में अक्षम हैं।‘ 

2015 में पाकिस्तान ने कैदियों के बारे में बताया

पाकिस्तान ने 2015 में भारत को उसकी जेल में बंद इन 17 लोगों के बारे में बताया था जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है लेकिन उन्हें वापस भारत नहीं भेजा जा सकता क्योंकि ‘मानसिक रूप से अस्वस्थ” होने की वजह से उन्हें अपने पते-ठिकाने के बारे में कुछ याद नहीं है। पाकिस्तान द्वारा उनका पता नहीं लगा पाने के बाद इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग को इन कैदियों से दूतावास संपर्क की सुविधा इस उम्मीद से दी गई की कुछ सफलता मिल सके। 

परिजनों का नहीं लगा पता

इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग ने इन 17 कैदियों की तस्वीरें विदेश मंत्रालय को इनके परिजनों का पता लगाने के लिये भेजीं। विदेश मंत्रालय ने इन तस्वीरों को बाद में गृह मंत्रालय को अग्रसारित किया। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘तबसे हमने इनकी तस्वीरें मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड की हैं लेकिन अब तक इनमें से किसी का कोई सुराग नहीं लगा है। हमने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ इनकी तस्वीरें साझा कीं लेकिन उनसे भी अब तक कोई सूचना नहीं मिली है।‘

Web Title: No clue about 17 mentally unsound Indians languishing in Pakistan jails

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