गुपकर: राष्ट्रपति चुनाव नजदीक हैं। विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा इन दिनों देश के अलग-अलग राज्यों में जाकर अपने लिए समर्थन जुटा रहे हैं। इसी क्रम में यशवंत सिन्हा जम्मू-कश्मीर पहुंचे और वहां महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला से मुलाकात की। मुलाकात के बाद यशवंत सिन्हा ने प्रेस कांफेंस भी की और कहा कि फारूक साहब, महबूबा जी सहित जो भी लोग यहां मौजूद हैं, देश में उनसे बड़ा कोई देशभक्त नहीं है। यशवंत सिन्हा ने आगे कहा कि अगर ये देशभक्त नहीं हैं, तो हममें से किसी को भी अपने देश के प्रति देशभक्ति का दावा करने का अधिकार नहीं है।
दरअसल नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ फारूख अब्दुल्ला ने अपने आवास पर एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती सहित कांग्रेस और माकपा के वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए। इसी बैठक में हिस्सा लेने के बाद विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, "अगर मैं चुना जाता हूं तो मेरी प्राथमिकताओं में से एक, सरकार से कश्मीर मुद्दे को स्थायी रूप से हल करने और शांति, न्याय, लोकतंत्र, सामान्य स्थिति बहाल करने और जम्मू-कश्मीर के प्रति शत्रुतापूर्ण विकास को समाप्त करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का आग्रह करूंगा।"
द्रौपदी मुर्मू से होगा मुकाबला
राष्ट्रपति पद के लिए यशवंत सिन्हा का मुकाबला द्रौपदू मुर्मू से है। इस चुनाव में राजग उम्मीदवार होने के कारण द्रौपदी मुर्मू का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। मुर्मू भी फिलहाल देश भर में दौरा कर के खुद के लिए ज्यादा से ज्यादा समर्थन जुटा रही हैं।
कौन हैं द्रौपदी मुर्मू
भाजपा और राजग की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार घोषित की गईं द्रौपदी मुर्मू पूर्व में ओडिशा सरकार में मंत्री और झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं। ओडिशा के जनजाति-बहुल जिले मयूरभंज के एक सुदूर गांव में एक जनजातीय परिवार में जन्मी द्रौपदी राजनीति में आने से पहले एक सामान्य क्लर्क और शिक्षिका के रूप में कार्य कर चुकी हैं।