एनएमसी विधेयक: दिल्ली में डॉक्टरों की हड़ताल जारी, आपातकालीन सेवाएं चालू, चंडीगढ़ में 1300 रेजिडेंट डॉक्टर स्ट्राइक पर

By भाषा | Published: August 4, 2019 07:07 AM2019-08-04T07:07:32+5:302019-08-04T07:07:32+5:30

स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों के बाद एम्स और सफदरजंग अस्पताल के प्रशासनों ने अपने रेजिडेंट डॉक्टरों को अपने अपने विभागों में फिर से काम शुरू करने का निर्देश दिया और चेतावनी दी कि अगर वे तुरंत काम पर नहीं लौटे तो उन्हें सेवाओं से बर्खास्त किया जा सकता है।

NMC Bill: Doctors strike in Delhi & Chandigarh, emergency services run in govt hospitals | एनएमसी विधेयक: दिल्ली में डॉक्टरों की हड़ताल जारी, आपातकालीन सेवाएं चालू, चंडीगढ़ में 1300 रेजिडेंट डॉक्टर स्ट्राइक पर

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग विधेयक के खिलाफ रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के चलते राष्ट्रीय राजधानी में कई सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रहीं। हालांकि उन्होंने आपातकालीन विभागों में काम फिर से शुरू किया, जिससे मरीजों को कुछ राहत मिली है। वहीं दक्षिण दिल्ली में एम्स और सफदरजंग अस्पताल के बाहर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। ये दोनों अस्पताल सड़क के आमने-सामने ही स्थित हैं। इस बीच अधिकारियों ने शनिवार को प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की धमकी दी।

स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों के बाद एम्स और सफदरजंग अस्पताल के प्रशासनों ने अपने रेजिडेंट डॉक्टरों को अपने अपने विभागों में फिर से काम शुरू करने का निर्देश दिया और चेतावनी दी कि अगर वे तुरंत काम पर नहीं लौटे तो उन्हें सेवाओं से बर्खास्त किया जा सकता है। हालांकि दिल्ली के लगभग सभी सरकारी अस्पतालों में शुक्रवार रात से आपातकालीन सेवाएं फिर से शुरू कर दी गई हैं लेकिन बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) समेत गैर आपातकाली सेवाएं निलंबित रहीं।

सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टरों ने आपातकालीन विभाग समेत किसी भी विभाग में काम शुरू नहीं किया। एम्स प्रशासन ने अपने मेमोरेंडम में कहा, "आरडीए के सभी सदस्यों और छात्र संगठनों को निर्देश दिया जाता है कि वे तत्काल प्रभाव से अपने-अपने विभागों में काम पर लौटें, ऐसा न करने पर उनके खिलाफ निलंबन/बर्खास्तगी और हॉस्टल खाली करने जैसी सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।"

सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक सुनील गुप्ता ने अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष को संबोधित करते हुए एक पत्र में कहा, ‘‘मंत्रालय से मुझे आपको यह सूचित करने का निर्देश मिला है कि अगर हड़ताली डॉक्टर तुरंत ड्यूटी पर नहीं लौटे तो उनके खिलाफ निलंबन/सेवा से हटाये जाने, हॉस्टल परिसर खाली कराने जैसी कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाये।’’

हड़ताली डॉक्टर सफदरजंग अस्पताल से मार्च करते हुए रिंग रोड की दिशा में आगे बढ़े। इससे पहले चिकित्सा अधीक्षक ने काम पर नहीं लौटने की स्थिति में डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की धमकी दी थी। बाद में वे परिसर लौटे और अस्पताल के गेट नंबर दो पर धरने पर बैठ गये। एम्स के हड़ताली डॉक्टरों ने अस्पताल के गेट नंबर एक के बाहर प्रदर्शन किया।

उन्होंने कहा कि विधेयक को ‘गरीब विरोधी, छात्र विरोधी और अलोकतांत्रिक’ बताते हुए रेजिडेंट डॉक्टरों ने लगातार तीसरे दिन शनिवार को भी हड़ताल जारी रखा। हालांकि दिल्ली में कई अस्पतालों में आपात सेवाएं बहाल कर दी गयीं। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिये अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रदर्शन के कारण इलाके में यातायात जाम लगा और यात्रियों को असुविधा हुई। सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक द्वारा चेतावनी जारी किये जाने के बाद प्रदर्शनकारियों ने अपना प्रदर्शन और तेज कर दिया। 

चंडीगढ़ के प्रमुख पीजीआईएमईआर स्वास्थ्य संस्थान के 1,300 से अधिक रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर

चंडीगढ़ के प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान पीजीआईएमईआर के 1300 से अधिक रेजिडेंट डॉक्टर शनिवार को एनएमसी विधेयक के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमईआर) में आपातकालीन और आईसीयू सेवाओं को छोड़कर बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) सेवाएं प्रभावित रहीं।

पीजीआईएमईआर रेजिडेंट डॉक्टर संघ के अध्यक्ष उत्तम ठाकुर ने कहा, "रेजिडेंट डॉक्टरों ने शनिवार को अस्पताल की सभी सेवाएं बंद कर दीं, लेकिन आपातकालीन और आईसीयू सेवाएं बाधित नहीं रहीं।"

संस्थान के अधिकारियों ने रोगियों को सलाह दी है कि ओपीडी समेत सभी नियमित सेवाएं अगले नोटिस तक बंद रहेंगी। गौरतलब है कि चिकित्सक राज्यसभा से पारित राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) विधेयक के कुछ प्रावधानों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। चिकित्सकों ने बृहस्पतिवार को दिल्ली में भी विरोध प्रदर्शन किया था।

Web Title: NMC Bill: Doctors strike in Delhi & Chandigarh, emergency services run in govt hospitals

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