लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए नीतीश ने शुरू की सियासत, चार्टर्ड विमान से पहले कोलकाता फिर लखनऊ पहुंचे

By एस पी सिन्हा | Updated: April 24, 2023 15:51 IST2023-04-24T15:50:12+5:302023-04-24T15:51:58+5:30

अब सभी प्रमुख विपक्षी पार्टियों के बीच नीतीश कुमार केंद्र में आ गए हैं। नीतीश कुमार कांग्रेस को विपक्षी पार्टियों में प्रमुख पार्टी रखना चाहते हैं। इसी के तहत वो कांग्रेस के नाम पर उन पार्टियों को एकजुट कर रहे हैं जो अलग-अलग राज्यों में कांग्रेस का विरोध कर रही हैं।

Nitish trying to challenge the Modi government in the Lok Sabha elections met Mamta and Akhilesh | लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए नीतीश ने शुरू की सियासत, चार्टर्ड विमान से पहले कोलकाता फिर लखनऊ पहुंचे

नीतीश कुमार विपक्षी एकता को मजबूत करने में जुटे

Highlightsनीतीश कुमार विपक्षी एकता को मजबूत करने में जुटेपश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात कीउत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी मिले अखिलेश

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए चार्टर्ड विमान से सियासत की शुरूआत कर दी। इसी कड़ी में सोमवार को वह पहले कोलकाता गए, जहां उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। इसके बाद उसी चार्टर्ड विमान से उन्होंने लखनऊ के लिए उड़ान भरी और उसके बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात किया। इस सियासी यात्रा में उनके साथ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी साथ रहे।

इस तरह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगामी लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए अपनी कोशिशें तेज कर दी है। बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही उन्होंने दिल्ली जाकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भेंट की थी। उल्लेखनीय है कि ममता बनर्जी ने 2024 के चुनाव में भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता के मुद्दे पर कई गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेसी नेताओं के साथ कई बैठकें की हैं। अखिलेश से मिलने के तुरंत बाद, ममता बनर्जी ओडिशा गईं और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ बैठक की। इसके बाद जनता दल (सेक्युलर) के नेता एच.डी. कुमारस्वामी ने बनर्जी से मुलाकात की थी।

जानकारों का मानना है कि लोकसभा चुनाव में यह लगभग तय है कि राहुल गांधी इस रेस में नहीं है। ऐसे में अब सभी प्रमुख विपक्षी पार्टियों के बीच नीतीश कुमार केंद्र में आ गए हैं। ऐसे में कयास लगाये जा रहे हैं कि विपक्षी दल नीतीश के पक्ष में आने लगे हैं। इसका कारण है उनके द्वारा ये घोषणा करना कि वे पीएम पद के उम्मीदवार नहीं हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कांग्रेस को विपक्षी पार्टियों में प्रमुख पार्टी रखना चाहते हैं। इसी के तहत वो कांग्रेस के नाम पर उन पार्टियों को एकजुट कर रहे हैं जो अलग-अलग राज्यों में कांग्रेस का विरोध कर रही हैं।

राष्ट्रीय पार्टी के नाम पर कांग्रेस अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। जबकि जमीनी स्तर पर कई क्षेत्रीय दल मजबूत हैं। नीतीश कुमार के लिए सबसे बड़ी चुनौती उन नेताओं की कांग्रेस विरोधी स्टैंड को फिलहाल कम करना है। अपने लंबे अनुभव के दम पर नीतीश विपक्ष को एकजुट करने के एक ऐसे अभियान में जुटे हैं जो नामुमकिन तो नहीं पर उससे कम भी नहीं है। विपक्षी एकता को मजबूत करने की बात पर रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि सभी दलों को ज्यादा से ज्यादा एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं। हम अपने लिए कुछ नहीं चाहते हैं। हमने इस बात को कितनी बार कहा है। मेरी कोई व्यक्तिगत इच्छा नहीं है। हम पूरे देश के हित में सोच रहे हैं। हम इसलिए विपक्षी लोगों को एकजुट कर रहे हैं और इसी में हम लगे हैं। बहुत लोगों से बातचीत हो गई है। कुछ और लोगों से बातचीत करनी है और जो सब कुछ हो जाएगा तो आप लोगों से बात करेंगे। इसी कड़ी में आज उन्होंने चार्टर्ड विमान से कोलकाता और लखनऊ में सियासी दस्तक देकर वापस पटना लौट आए।

Web Title: Nitish trying to challenge the Modi government in the Lok Sabha elections met Mamta and Akhilesh

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