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नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी 'नल-जल' योजना चढ़ी 'भ्रष्टाचार' की भेंट, लूट का जरिया बना 'नल-जल'

By एस पी सिन्हा | Updated: April 17, 2022 16:49 IST

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी जल-कल योजना के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च के किये जाने के बावजूद सभी वार्डों में पेयजल आपूर्ति शुरू होने की बात तो दूर अब तक कई गांवों में भूमिगत पाइप भी नहीं बिछाई जा सकती है।

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ठळक मुद्देबिहार में करोड़ों रुपये खर्च किये जाने के बावजूद नल-जल योजना का काफी बुरा हाल हैजल-कल योजना बिहार की 8,471 पंचायतों में केवल लूट का धंधा बन गया हैमुखिया और अधिकारियों ने सारे पैसे लूट लिये और नल-जल के नाम पर केवल खानापूर्ति की गई है

पटना:बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एक अतिमहत्वाकांक्षी योजना हर घर नल-जल लूट की भेंट चढ़ गया है। करोड़ों रुपये खर्च किये जाने के बावजूद राज्य के अधिकतर पंचायतों में नल-जल योजना का काफी बुरा हाल है।

योजना के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च के किये जाने के बावजूद सभी वार्डों में पेयजल आपूर्ति शुरू होने की बात तो दूर अब तक कई गांवों में भूमिगत पाइप भी नहीं बिछाई जा सकती है। ऐसे में जानकार बताते हैं कि अगर इसकी जांच कराई जाये तो करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश होगा।

जानाकारों की मानें तो बिहार में 8,471 पंचायत है, जिनमें से 70 फीसदी पंचायतों में योजना के नाम पर केवल लूट का धंधा किया गया है। हाल यह है कि पेयजल आपूर्ति के लिए बिछाई जाने वाले पाइप कहीं जमीन के ऊपर जहां-तहां फेंके पड़े मिल जाते हैं।

यही नहीं कहीं-कहीं तो पानी की आपूर्ति शुरू होने से पहले ही नल और टंकी प्वाइंट पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। कई टोले-मोहल्ले में तो नल जल योजना का कहीं नामोनिशान भी नहीं है।

ग्रामीणों का कहना है कि इस योजना के नाम पर केवल और केवल लूट मचाया गया है। मुखिया और अधिकारियों ने मिलकर इसके सारे पैसे लूट लिये, जबकि नल-जल के नाम पर केवल खानापूर्ति की गई है।

अधिकतर जगहों पर बोरिंग किया गया है किंतु वह केवल दिखावा मात्र बनकर रह गया है। इसकी बानगी अगर देखनी हो तो जिलों में जाकर पंचायतों में देखा जा सकता है।

सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि पंचायतों में नल-जल योजना का काम पूरा किए जाने की कागजी खानापूर्ती भी कर ली गई है। कई पंचायतों में तो पेय जलापूर्ति शुरू होने के पहले ही जगह-जगह नल प्वाइंट ध्वस्त हो चुके हैं।

ग्रामीणों की अगर मानें तो शिकायत मिलने पर अधिकारियों की टीम योजनाओं की जांच करने पहुंचती है, लेकिन उनके द्वारा भी नल-जल योजना की गड़बड़ी पर पर्दा डालने का ही प्रयास किया जाता है।

ग्रामीणों के अनुसार यह योजना लूट का केन्द्र बन गया है। भूमिगत पाइप बिछाने के लिए जगह-जगह सड़कों को भी तोड़ कर छोड़ दिया गया है। लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है।

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