Coronavirus: लॉकडाउन के बीच कोटा में फंसे बच्चों को वापस नहीं लाएंगे नीतीश कुमार, कहा- ये गरीब मजदूरों संग नाइंसाफी करने जैसा
By मनाली रस्तोगी | Published: April 18, 2020 11:14 AM2020-04-18T11:14:43+5:302020-04-18T11:15:14+5:30
जहां एक ओर उत्तर प्रदेश सरकार राजस्थान में 300 बसें भेजकर वहां फंसे अपने राज्य के छात्रों को निकालने जा रही है तो वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने साफ़ कह दिया है कि वो लॉकडाउन के दौरान किसी अन्य राज्य में बसें नहीं भेजेंगे। नीतीश कुमार का कहना है कि अगर कोसता में फंसे बच्चों को वापस लाया जा रहा है तो ये प्रवासी मजदूरों के साथ नाइंसाफी करना होगा।
पटना:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने राजस्थान के कोटा में कोचिंग में पढ़ने वाले बच्चों को राज्य वापस लाने से मना कर दिया है। इस मामले में मुख्यमंत्री का कहना है कि बिहार के बच्चों को अगर हम वापस लाने के लिए बसें भेजेंगे तो ऐसा करने से देश के अन्य हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों के साथ नाइंसाफी करना होगा।
नीतीश कुमार ने कहा कि कोटा में फंसे बच्चों को कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण हुए लॉकडाउन के दौरान वापस नहीं लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोटा में रहकर पढ़ने वाले बच्चे संपन्न परिवार से आते हैं। कई बच्चों के तो माता-पिता भी उनके साथ वहीं रहते हैं। ऐसे में उन्हें क्या दिक्कत हो सकती है?
इस दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर कोटा में फंसे बच्चों को बिहार वापस लाना चाहिए तो ऐसे में अपने परिवार से दूर राज्य से बाहर रह रहे गरीब लोगों को भी उनके परिवार के पास लाकर छोड़ना चाहिए। किसी को लॉकडाउन के दौरान बुलाना नाइंसाफी है।
आपको बता दें कि यूपी सरकार राजस्थान में फंसे छात्रों को वहां से निकालने के लिए बसें भेज चुकी है। खबरों के अनुसार, कोटा से बच्चों को वापस लाने के लिए यूपी सरकार ने 300 बसें भेजी हैं। इसी मामले पर नीतीश कुमार ने यूपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि राजस्थान सरकार लॉकडाउन में कोटा से बसें न निकलने दे। उन्होंने कहा था कि बस भेजने का फैसला पूरी तरह से लॉकडाउन का माखौल उड़ाने वाला फैसला है।