केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा, 'पूरी दुनिया अब चीन के साथ डील करने में इच्छुक नहीं, भारत को भी उसपर निर्भर नहीं रहना चाहिये'

By पल्लवी कुमारी | Updated: June 18, 2020 23:04 IST2020-06-18T23:04:48+5:302020-06-18T23:04:48+5:30

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने का यह बयान ऐसे वक्त आया जब लद्दाख में दोनों देशों भारत-चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव बढ़ा हुआ है। गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए हैं।

Nitin Gadkari says world is now not very much interested to deal with China blessing for Indian economy | केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा, 'पूरी दुनिया अब चीन के साथ डील करने में इच्छुक नहीं, भारत को भी उसपर निर्भर नहीं रहना चाहिये'

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (फाइल फोटो)

Highlightsवैश्विक बाजार में मौजूदा रुझान पर नितिन गडकरी कहा, "चीन के साथ व्यापार करने में दुनिया की कोई दिलचस्पी नहीं है, जो भारतीय उद्योग के लिये व्यापार में बदलाव का एक बहुत अच्छा अवसर है।" नितिन गडकरी ने कहा कि वैश्विक कंपनियां चीन से बाहर की संभावनाओं को देख रही हैं।

नई दिल्ली:  केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग तथा एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने गुरुवार (18 जून) को कहा कि भारत को अब चीन पर निर्भर नहीं रहना चाहिये और इसके बजाय घरेलू विनिर्माण में तेजी लाने के लिये अनुसंधान व नवाचार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये।केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि पूरी दुनिया अब चीन के साथ डील करने में   बहुत ज्यादा इच्छुक नहीं है, यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक आशीर्वाद है। दुनिया के विभिन्न हिस्सों के बहुत से लोग भारत से डील करना चाहते हैं, इस स्थिति में हमें अपने निर्यात को बढ़ाने और आयात को कम करने की आवश्यकता है। 

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने, सरकार आयात प्रतिस्थापन के लिये एक नयी नीति बनाने पर काम कर रही है। यह टिप्पणी ऐसे समय की गयी है, जब लद्दाख में दोनों देशों के बीच सीमा संघर्ष नये चरम पर पहुंच गया है। 

सोमवार रात (15 जून) पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए। पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़ी सैन्य झड़प के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है।
 
केंद्रीय मंत्री ने भारत में कोरोना वायरस महामारी के बाद इलेक्ट्रिक वाहनों की रूपरेखा पर एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा, "मुझे लगता है कि यह समय है, जो मैं सीधे आपको बताना चाहता हूं क्योंकि मैं पहले इन शब्दों का उपयोग नहीं कर रहा था, हमें अब चीन पर निर्भर नहीं रहना चाहिये।" 

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (फाइल फोटो)
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (फाइल फोटो)

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा- श में स्थानीय स्तर पर हर चीज का उत्पादन करना चाहिये

उन्होंने कहा कि भले ही वर्तमान में चीन के सामानों की कीमतें आकर्षक हैं और भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियां कुछ हिस्सों का आयात करके अच्छा मुनाफा कमा रही हैं, लेकिन देश में स्थानीय स्तर पर हर चीज का उत्पादन करना चाहिये। 

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "इसके बिना, हमारे पास अच्छा भविष्य नहीं है। अन्यथा कहीं न कहीं वे (चीन की कंपनियां) शुरुआत में उचित रियायती दर दे सकते हैं, और जब आपका उद्योग अच्छा उत्पादन प्राप्त करेगा तो वे अधिक शुल्क लेंगे।''

गडकरी ने कहा, "इससे फिर से एक समस्या होगी। इसलिये इस उद्योग के लिये हर चीज पर आत्मनिर्भरता सफलता की कुंजी है। उन्होंने कहा कि पांच वर्षों में भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण का केंद्र होगा। उन्होंने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर बदली परिस्थितियों के बीच अवसरों को हथियाने का आग्रह भी किया। 

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (फाइल फोटो)
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (फाइल फोटो)

नितिन गडकरी ने कहा-  वैश्विक कंपनियां चीन से बाहर की संभावनाओं को देख रही हैं

नितिन गडकरी ने कहा कि वैश्विक कंपनियां चीन से बाहर की संभावनाओं को देख रही हैं। उन्होंने कोरोना वायरस संकट के कारण होने वाले व्यवधानों के मद्देनजर इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र को सभी सहायता का आश्वासन दिया। 

सड़क मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, गडकरी ने "विश्वास व्यक्त किया कि अगले पांच वर्षों में, भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये एक विनिर्माण केंद्र बन जायेगा"। उन्होंने कहा कि सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी घटाकर 12 फीसदी कर दिया है। वैश्विक बाजार में मौजूदा रुझान पर उन्होंने कहा, "चीन के साथ व्यापार करने में दुनिया की कोई दिलचस्पी नहीं है, जो भारतीय उद्योग के लिये व्यापार में बदलाव का एक बहुत अच्छा अवसर है।" 

(पीटीआई-भाषा इनपुट के साथ) 

Web Title: Nitin Gadkari says world is now not very much interested to deal with China blessing for Indian economy

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