पेंशन योजना पर विचार के लिए वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक नई समिति गठित की जाएगी, निर्मला सीतारमण ने की घोषणा
By शिवेंद्र कुमार राय | Published: March 24, 2023 03:45 PM2023-03-24T15:45:51+5:302023-03-24T15:47:54+5:30
पुरानी पेंशन योजना को दिसंबर 2003 में बंद कर दिया गया था और नई पेंशन योजना 1 अप्रैल, 2004 को लागू हुई थी। लेकिन सरकारी कर्मचारी शुरू से ही इसका विरोध कर रहे हैं।
नई दिल्ली: पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को फिर से बहाल करने की बहस के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार, 24 मार्च को घोषणा की कि सरकारी कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना को बेहतर बनाने के लिए वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक नई समिति गठित की जाएगी। वित्त विधेयक, 2023 के लोकसभा में पारित होने के दौरान सीतारमण ने कहा कि कर्मचारियों की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ देश की राजकोषीय स्थिति को मजबूत बनाए रखने के लिए पेंशन प्रणाली की जांच के लिए समिति का गठन किया जाएगा।
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त विधेयक 2023 को संसद में पेश किया। हालांकि इस दौरान अडानी मुद्दे की जेपीसी जांच की मांग को लेकर विपक्षी सांसदों द्वारा लगातार भारी नारेबाजी की जा रही थी लेकिन फिर भी विधेयक को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।
संसद को संबोधित करते हुए, सीतारमण ने कहा, "मैं वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र सरकार के वित्तीय प्रस्तावों को प्रभावी करने के लिए विधेयक को पेश करने जा रही हूं। समाज की जरूरतों का बेहतर ढंग से प्रतिनिधित्व करने के लिए विधेयक में 11 नए प्रावधान लाए जा रहे हैं।"
बता दें कि पुरानी पेंशन योजना को दिसंबर 2003 में बंद कर दिया गया था और नई पेंशन योजना 1 अप्रैल, 2004 को लागू हुई थी। लेकिन सरकारी कर्मचारी शुरू से ही इसका विरोध कर रहे हैं। पुरानी पेंशन योजना के तहत एक सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद मासिक पेंशन का हकदार होता है। पेंशन की राशि कर्मचारी के आखिरी वेतन के लगभग आधी होती है। वहीं नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारी अपने वेतन का एक हिस्सा पेंशन फंड में जमा करते हैं। इसके आधार पर कर्मचारी को मासिक या एकमुश्त पेंशन मिलती है।
ये मुद्दा लंबे से राजनीति का केंद्र भी है। पांच राज्यों, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश ने अपने राज्य में पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का फैसला किया है।