'मेरे भी कुछ अधिकार हैं', अदालत में रो पड़ीं में निर्भया की मां
By भाषा | Published: February 13, 2020 07:23 AM2020-02-13T07:23:58+5:302020-02-13T07:23:58+5:30
न्यायाधीश द्वारा चार दोषियों में से एक पवन गुप्ता को वकील मुहैया कराए जाने के बाद पीड़िता की मां कहा, ‘‘मेरे भी कुछ अधिकार हैं।’’
निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड पीड़िता की मां मामले के चार दोषियों के लिए ताजा ‘मौत के वारंट’ की मांग निचली अदालत से करते हुए बुधवार को रो पड़ीं और बाद में अदालत परिसर में ही धरने पर बैठ गईं।
न्यायाधीश द्वारा चार दोषियों में से एक पवन गुप्ता को वकील मुहैया कराए जाने के बाद पीड़िता की मां कहा, ‘‘मेरे भी कुछ अधिकार हैं।’’
गुप्ता के पिता ने अदालत से अनुरोध किया था कि फिलहाल उनके बेटे के पास कोई वकील नहीं है, इस पर न्यायाधीश ने उसे जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डीएलएसए) से एक वकील मुहैया कराया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा ने पीड़िता की मां को दिलासा देते हुए कहा, ‘‘यहां प्रत्येक वकील, यह पूरी प्रक्रिया आपको न्याय देने के लिए है।’’
अदालत में मौजूदा पीड़ित मेडिकल की छात्रा के पिता ने कहा कि पवन गुप्ता को अब वकील मुहैया कराना हमारे (पीड़िता के माता-पिता) साथ अन्याय है। सुनवाई के बाद आशा देवी पटियाला हाउस के बाहर ही चारों दोषियों की फांसी में हो रही देरी को लेकर जारी प्रदर्शन में शामिल हुईं।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘‘इस देश की किसी भी अदालत में कोई अपील लंबित नहीं है... मैं उच्चतम न्यायालय से अपील करती हूं कि वह मौत का वारंट जारी करे क्योंकि यह अदालत (निचली अदालत) ऐसा करने की मंशा नहीं रखता।’’
उन्होंने कहा कि अब वह निराश हो रही हैं। पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा, अक्षय कुमार और मुकेश कुमार सिंह को फांसी देने की मांग करते हुए पीड़िता की मां ने कहा, ‘‘हम न्याय का इंतजार कर रहे हैं। मैं बलात्कार पीड़िताओं को आश्वासन देती हूं कि उन्हें न्याय मिलेगा। लेकिन आज मैं स्वयं निराश हूं।’’