निर्भया मामला: अलग-अलग फांसी पर उच्च न्यायालय ने किया इनकार, सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

By भाषा | Updated: February 5, 2020 17:50 IST2020-02-05T17:50:25+5:302020-02-05T17:50:25+5:30

अदालत ने 2017 में उच्चतम न्यायालय द्वारा दोषियों की अपील खारिज किए जाने के बाद डेथ वारंट जारी करवाने के लिए कदम नहीं उठाने पर संबंधित प्राधिकारों को जिम्मेदार ठहराया। निचली अदालत ने 31 जनवरी को मामले में चारों दोषियों - मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) की फांसी पर ‘‘अगले आदेश तक’’ रोक लगा दी थी।

Nirbhaya case: High court denies separate hanging, challenge in Supreme Court | निर्भया मामला: अलग-अलग फांसी पर उच्च न्यायालय ने किया इनकार, सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

फिलहाल, चारों दोषी तिहाड़ जेल में हैं।

Highlightsकेंद्र और दिल्ली सरकार ने इसे चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में अपील दाखिल कर दी।हत्या मामले के सभी दोषियों को एक साथ फांसी दी जाए, ना कि अलग-अलग।

केंद्र और दिल्ली सरकार ने निर्भया सामूहिक बलात्कार और दुष्कर्म मामले में चार दोषियों की फांसी पर रोक लगाने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दायर याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी।

उच्च न्यायालय के फैसले के कुछ घंटे बाद बुधवार को केंद्र और दिल्ली सरकार ने इसे चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में अपील दाखिल कर दी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के सभी दोषियों को एक साथ फांसी दी जाए, ना कि अलग-अलग।

अदालत ने 2017 में उच्चतम न्यायालय द्वारा दोषियों की अपील खारिज किए जाने के बाद डेथ वारंट जारी करवाने के लिए कदम नहीं उठाने पर संबंधित प्राधिकारों को जिम्मेदार ठहराया। निचली अदालत ने 31 जनवरी को मामले में चारों दोषियों - मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) की फांसी पर ‘‘अगले आदेश तक’’ रोक लगा दी थी।

फिलहाल, चारों दोषी तिहाड़ जेल में हैं। मामले से जुड़े एक वकील ने बताया कि शीर्ष अदालत में चुनौती के लिए जो आधार बनाए गए हैं वो लगभग वहीं हैं जो निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपील दाखिल करते समय उच्च न्यायालय में रखे गए थे।

उन्होंने कहा कि चूंकि उच्च न्यायालय के फैसले की प्रति का इंतजार है, ऐसे में केंद्र और दिल्ली सरकार ने इसकी प्रतीक्षा करने के बजाय उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल करने को प्राथमिकता दी। उच्चतम न्यायालय में दाखिल याचिका में कहा है कि दोषियों को अलग-अलग फांसी दी जा सकती है क्योंकि मुकेश दया याचिका सहित सारे कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर चुका है । 

Web Title: Nirbhaya case: High court denies separate hanging, challenge in Supreme Court

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