निर्भया केस: दोषियों को दया याचिका दाखिल करने के लिए 1 सप्ताह का समय मिले, ट्रायल कोर्ट ने तिहाड़ जेल अधिकारियों को दिया नोटिस

By भाषा | Updated: December 18, 2019 17:13 IST2019-12-18T17:13:57+5:302019-12-18T17:13:57+5:30

दक्षिण दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 की रात में चलती बस में छह व्यक्तियों ने 23 वर्षीय छात्रा से सामूहिक बलात्कार के बाद उसे बुरी तरह जख्मी करके सड़क पर फेंक दिया था। निर्भया की बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी।

Nirbhaya case: convicts get 1 week to file mercy petition, trial court gives notice to Tihar Jail authorities | निर्भया केस: दोषियों को दया याचिका दाखिल करने के लिए 1 सप्ताह का समय मिले, ट्रायल कोर्ट ने तिहाड़ जेल अधिकारियों को दिया नोटिस

निर्भया की बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी।

Highlightsनिर्भया मामले में तिहाड़ जेल को दया याचिका पर दोषियों की प्रतिक्रिया जानने का दिया गया निर्देशशीर्ष अदालत मौत की सजा बरकरार रखते समय पहले ही सारे पहलुओं पर विचार कर चुकी है।

दिल्ली की एक अदालत ने तिहाड़ जेल के अधिकारियों को 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड मामले में चार सजायाफ्ता दोषियों से यह जानने का बुधवार को निर्देश दिया कि वे राष्ट्रपति के समक्ष अपनी फांसी की सजा के खिलाफ दया याचिका दायर कर रहे हैं या नहीं। यह कदम इस लिहाज से महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है कि आज ही उच्चतम न्यायालय ने चार में से एक दोषी अक्षय कुमार सिंह की मौत की सजा की समीक्षा को लेकर दायर याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि पुनर्विचार याचिका किसी अपील पर बार-बार सुनवाई के लिए नहीं होती और शीर्ष अदालत मौत की सजा बरकरार रखते समय पहले ही सारे पहलुओं पर विचार कर चुकी है।

दक्षिण दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 की रात में चलती बस में छह व्यक्तियों ने 23 वर्षीय छात्रा से सामूहिक बलात्कार के बाद उसे बुरी तरह जख्मी करके सड़क पर फेंक दिया था। निर्भया की बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी।

दोषियों को फांसी देने का वारंट जारी करने की दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रहे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने कहा कि वह शीर्ष अदालत के आदेश के फैसले की प्रति का इंतजार करेंगे और उन्होंने मामले में अगली सुनवाई सात जनवरी, 2020 के लिए नियत की।

सुनवाई शुरू होते ही, अदालत को अक्षय की पुनर्विचार याचिका शीर्ष अदालत द्वारा खारिज किए जाने की जानकारी दी गई। हालांकि, अदालत ने कहा, “उच्चतम न्यायालय के आदेश का आधिकारिक रूप से मिलने का इंतजार किया जाएगा।” निर्भया की मां की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि मामले में मृत्युदंड पर तामील का वारंट जारी करने में कोई रुकावट नहीं है।

निर्भया की रोती-सुबकती मां को ढाढ़स बंधाते हुए, न्यायाधीश ने कहा, “मेरी पूरी सहानुभूति आपके साथ है। मैं जानता हूं कि किसी की मौत हो गई है लेकिन उनके भी अधिकार हैं। हम यहां आपको सुनने के लिए हैं लेकिन हम कानून से भी बंधे हुए हैं।” अदालत ने यह टिप्पणी तब की जब निर्भया की मां अदालत में यह कहते हुए रोने लगीं कि, “हम जहां भी जाते हैं वे कहते हैं कि उनके पास (दोषियों के पास) कानूनी समाधान है। हमारे लिए क्या है?

पिछले साल नौ जुलाई को, शीर्ष अदालत ने मामले में अन्य तीन दोषियों- मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की तरफ से दायर पुनर्विचार याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि 2017 के फैसले पर फिर से विचार करने के लिए उन्होंने कोई आधार नहीं दिया। छह में से एक आरोपी, राम सिंह, ने यहां तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। मामले में एक नाबालिग आरोपी को किशोर न्याय बोर्ड ने दोषी ठहराया था और तीन साल कैद की सजा काटने के बाद उसे सुधार गृह से रिहा किया गया था। शीर्ष अदालत ने 2017 में मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय और निचली अदालत द्वारा दोषियों को सुनाई गई सजा को बरकरार रखा था। 

Web Title: Nirbhaya case: convicts get 1 week to file mercy petition, trial court gives notice to Tihar Jail authorities

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