निरंजनी, आनंद अखाड़ों ने निकाली कुंभ की पहली पेशवाई
By भाषा | Updated: March 3, 2021 20:48 IST2021-03-03T20:48:04+5:302021-03-03T20:48:04+5:30

निरंजनी, आनंद अखाड़ों ने निकाली कुंभ की पहली पेशवाई
हरिद्वार (उत्तराखंड), तीन निरंजनी और आनंद अखाड़ों ने बुधवार को महाकुंभ मेला की पहली पेशवाई निकाली जिसमें साधु संतों ने अपने पूरे दमखम के साथ शक्ति प्रदर्शन करते हुए नगर भ्रमण किया।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि, अखाड़े के सचिव व मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविन्द्र पुरी, अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद आदि संतों के साथ धर्मध्वजा की पूजा अर्चना कर छावनी से अखाड़ों की पेशवाई को रवाना किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि कुंभ मेला में अखाड़ों की पहली पेशवाई के अवसर पर संतों के दिव्य दर्शन व आशीर्वाद से वह स्वयं को धन्य महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह हर्ष का विषय है कि निरंजनी और आनंद अखाड़े की आज पेशवाई है। मैं भव्य, दिव्य कुम्भ के साथ माँ गंगा की कृपा से सफल कुंभ के आयोजन की कामना करता हूँ।’’
रावत ने कहा कि महाकुंभ में संतों के दर्शन मात्र से ही जीवन सफल हो जाता है और संतों के आशीर्वाद से सरकार दिव्य व भव्य कुम्भ के आयोजन में पूरी तरह सफल होगी।
पेशवाई को देखने के लिए नगरवासियों के साथ ही बड़ी संख्या में देशभर से श्रद्धालु भी पहुंचे। हालांकि, कोविड-19 चलते श्रद्धालुओं की संख्या थोड़ी कम अवश्य रही।
नगर के विभिन्न मार्गों से होकर गुजरी पेशवाई में संतों का जोश देखते ही बन रहा था। रास्तों पर दोनों ओर लोगों की भारी भीड़ लगी हुई थी। जगह—जगह पेशवाई का लोगों ने फूल बरसा कर स्वागत किया। इस मौके पर हेलीकॉप्टर की मदद से भी पेशवाई पर फूलों की वर्षा की गई।
पेशवाई में सबसे आगे अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी, बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण, निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविन्द्र पुरी महाराज, निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामण्डलेशर और साधु संत अपने-अपने अपने रथों पर बैठकर शाही अंदाज में निकले।
पेशवाई में बड़ी संख्या नागा साधु, ढोल नगाड़ों के साथ हाथी, ऊंट और घोड़ों पर सवार होकर चल रहे थे।
जिला व मेला प्रशासन ने इस अवसर पर सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए थे।
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