झारखंड सरकार, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को एनएचआरसी का नोटिस
By भाषा | Updated: July 13, 2021 22:34 IST2021-07-13T22:34:29+5:302021-07-13T22:34:29+5:30

झारखंड सरकार, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को एनएचआरसी का नोटिस
नयी दिल्ली, 13 जुलाई राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने झारखंड के 159 प्रखंडों (ब्लॉक) में एक सरकारी योजना के तहत 55 प्रतिशत लाभार्थियों को पूरक पोषक आहार नहीं मिलने का आरोप लगाने वाली एक रिपोर्ट को लेकर राज्य सरकार और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को नोटिस जारी किया है।
आयोग ने कहा कि समेकित बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के तहत छह माह से छह साल के बीच की आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पूरक पोषक आहार मुहैया किया जाता है।
आयोग ने मंगलवा को जारी एक बयान में कहा कि एनएचआरसी ने एक सर्वेक्षण के आधार पर मीडिया में उस खबर का संज्ञान लिया है, जिसमें दावा किया गया है कि आईसीडीएस के तहत झारखंड के 159 प्रखंडों में 55 प्रतिशत लाभार्थियों को पूरक पोषक आहार नहीं मिला।
एनएचआरसी ने कहा कि यदि मीडिया की खबर में मौजूद तथ्य सही हैं तो यह भोजन के अधिकार के हनन का एक गंभीर मुद्दा बनना है। यह एक मूलभूत मानवाधिकार है और सरकार इसकी रक्षा के लिए कर्तव्यबद्ध है।
आयोग ने कहा कि इस बात को ध्यान में रखते हुए झारखंड सरकार के मुख्य सचिव, केंद्रीय बाल विकास मंत्रालय को नोटिस जारी कर छह हफ्तों के अंदर विस्तृत रिपोर्ट मांगी जा रही है।
बयान में कहा गया है कि राइट टू फूड कैम्पेन की सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर छह जुलाई को मीडिया में इससे जुड़ी खबर आई थी।
आयोग ने कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के मुताबिक झारखंड में कथित तौर पर हर दूसरे बच्चे का वजन कम है और 70 प्रतिशत बच्चों के शरीर में खून की कमी है।
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