RO प्यूरीफायर के इस्तेमाल पर लगेगी रोक, देरी करने पर पर्यावरण मंत्रालय की लगी क्लास

By भाषा | Updated: September 26, 2019 05:55 IST2019-09-26T05:55:52+5:302019-09-26T05:55:52+5:30

पीठ ने कहा, ‘‘पर्यावरण मंत्रालय को अब विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के आधार पर पहले ही जारी आदेश के आलोक में न केवल अधिसूचना जारी करनी चाहिए बल्कि घरेलू और वाणिज्यिक इस्तेमाल के साथ साथ औद्योगिक प्रक्रिया से होने वाले पानी के नुकसान के लिए वसूली करनी चाहिए।’’ 

NGT slams MoEF for delay in issuing notification to ban RO purifiers | RO प्यूरीफायर के इस्तेमाल पर लगेगी रोक, देरी करने पर पर्यावरण मंत्रालय की लगी क्लास

प्रतीकात्मक फोटो

Highlightsअधिकरण ने केंद्रीय भूमिगत जल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए)को एक हफ्ते के भीतर भूमिगत जल के आंकड़े अद्यतन करने को कहा है।ऐसा नहीं करने पर प्राधिकरण के सदस्य सचिव को एक लाख रुपये देने होंगे।

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजरटी) ने आरओ प्यूरीफायर पर रोक लगाने संबंधी अधिसूचना जारी करने में हो रही देरी को लेकर पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को फटकार लगाई। अधिकरण ने जिन इलाकों में प्रति लीटर पानी में ठोस घुले तत्वों (टीडीएस) की मात्रा 500 मिलीग्राम से कम है वहां पर आरओ प्यूरी फायर प्रतिबंधित करने के आदेश दिए हैं। 

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने आदेश के अमल के लिए आठ महीने का समय मांगने संबंधी मंत्रालय की प्रार्थना को अतार्किक करार दिया। पीठ ने कहा, ‘‘अनुरोध अतार्किक और जनहित के मामले में देरी की कोशिश है। हालांकि, आवेदक (याचिकाकर्ता एनजीओ) ने कहा है कि इस देरी से उनको व्यावसायिक फायदा होगा जो ऐसा चाहते हैं लेकिन स्पष्ट सबूतों की अनुपस्थिति में हम इसमें नहीं जाएंगे।’’ 

अधिकरण ने कहा कि उसका आदेश विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पर आधारित है जिसमें पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के प्रतिनिधि भी शामिल थे। इसे दंडात्मक प्रावधानों के साथ लागू करने के लिए किसी अन्य प्राधिकरण की अनुमति की जरूरत नहीं है। 

पीठ ने कहा, ‘‘पर्यावरण मंत्रालय को अब विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के आधार पर पहले ही जारी आदेश के आलोक में न केवल अधिसूचना जारी करनी चाहिए बल्कि घरेलू और वाणिज्यिक इस्तेमाल के साथ साथ औद्योगिक प्रक्रिया से होने वाले पानी के नुकसान के लिए वसूली करनी चाहिए।’’ 

अधिकरण ने केंद्रीय भूमिगत जल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए)को एक हफ्ते के भीतर भूमिगत जल के आंकड़े अद्यतन करने को कहा है ऐसा नहीं करने पर प्राधिकरण के सदस्य सचिव को एक लाख रुपये देने होंगे। एनजीटी ने मामले की सुनवाई चार नवंबर को निर्धारित करते हुए आदेश दिया कि सीजीडब्ल्यूए सदस्य सचिव और पर्यावरण मंत्रालय के संयुक्त सचिव व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रह सकते हैं और अनुपालन रिपोर्ट पेश करें। 

उल्लेखनीय है कि एनजीटी ने 500 मिलीग्राम टीडीएस प्रति लीटर पानी होने पर आरओ प्यूरीफायर पर रोक लगाने और पूरे देश में आरओ प्यूरीफायर से बर्बाद पानी के 60 फीसदी हिस्से को दोबारा इस्तेमाल करने के निर्देश दिए हैं। 

Web Title: NGT slams MoEF for delay in issuing notification to ban RO purifiers

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