एनजीटी के पास कानूनों को निष्प्रभावी करने का कोई अधिकार नहीं :न्यायालय

By भाषा | Updated: April 13, 2021 20:05 IST2021-04-13T20:05:18+5:302021-04-13T20:05:18+5:30

NGT has no right to nullify laws: Court | एनजीटी के पास कानूनों को निष्प्रभावी करने का कोई अधिकार नहीं :न्यायालय

एनजीटी के पास कानूनों को निष्प्रभावी करने का कोई अधिकार नहीं :न्यायालय

नयी दिल्ली, 13 अप्रैल उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को कानूनों की वैधता का परीक्षण करने या उन्हें निष्प्रभावी करने का अधिकार नहीं है।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने जैवविविधता अधिनियम की धारा 40 को चुनौती देने वाली एक अपील पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।

पीठ में न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी बालासुब्रमण्यम भी शामिल थे। पीठ ने कहा, ‘‘इस बीच राष्ट्रीय हरित अधिकरण, चेन्नई के समक्ष लंबित ओ.ए. संख्या 10/2014 में आगे की कार्यवाही पर अंतरिम रोक रहेगी।’’

एनवॉयरमेंट सपोर्ट ग्रुप ने जैव विविधता अधिनियम, 2002 की धारा 40 को चुनौती देते हुए अपील दाखिल की थी। याचिका कर्नाटक उच्च न्यायालय में दाखिल की गयी थी और बाद में उसे एनजीटी को स्थानांतरित कर दिया गया।

इस ग्रुप ने यह मामला एनजीटी को स्थानांतरित करने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुये दलील दी थी अधिकरण को किसी कानून की वैधता के बारे में फैसला लेने का अधिकार नहीं है।

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Web Title: NGT has no right to nullify laws: Court

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