एनजीटी ने भोपाल में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वालों को दंडित करने के लिए समिति बनाई
By भाषा | Published: August 22, 2021 04:04 PM2021-08-22T16:04:10+5:302021-08-22T16:04:10+5:30
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने मध्य प्रदेश के भोपाल के एक गांव में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण और एक नाले में अशोधित सीवेज को बहाने के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक समिति का गठन किया है। अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अधिकारियों, सचिव, शहरी विकास, मप्र और सदस्य सचिव, मप्र राज्य पीसीबी की एक समिति गठित की। अधिकरण ने समिति से कहा कि कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने, मुआवजे की वसूली और नाले के प्रवाह को बहाल करने तथा उसमें सीवेज बहाये जाने से रोका जाये। पीठ ने कहा, ‘‘कहने की जरूरत नहीं है, ऐसा करने में, निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया जाए। वहीं, इस प्रक्रिया में दो साल बीत चुके हैं इसलिए दिन-प्रतिदिन के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा सकती है।’’ पीठ ने कहा, ‘‘सीपीसीबी और सदस्य सचिव, राज्य पीसीबी समन्वय और अनुपालन के लिए नोडल एजेंसी होंगे। हम उम्मीद करते हैं कि राज्य के उच्च अधिकारी अवैध व्यवस्था में मिलीभगत करने वाले और कानून के प्रवर्तन को रोकने वाले अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेंगे। कार्रवाई रिपोर्ट अगली तिथि से पहले ई-मेल द्वारा दखिल की जा सकती है।’’ अधिकरण मध्य प्रदेश निवासी हरदेश किरार द्वारा दाखिल एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें मैसर्स राज होम्स कॉलोनी द्वारा अतिक्रमण की गई सरकारी जमीन पर निर्माण करके, कौलुवा गांव, भोपाल में अशोधित सीवेज को बहाने और उक्त नाले के रास्ते को मोड़ने का आरोप लगाया गया था।
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