एनजीटी ने गांधीनगर में एसटीपी स्थापित करने के खिलाफ दायर याचिका के संबंध में समिति गठित की
By भाषा | Published: July 21, 2021 04:09 PM2021-07-21T16:09:11+5:302021-07-21T16:09:11+5:30
नयी दिल्ली, 21 जुलाई राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गांधी नगर जिले के जसपुर गांव में स्थित जमीन पर जलमल शोधन संयंत्र स्थापित करने से गुजरात शहरी विकास को रोकने की याचिका पर गौर करने के लिए एक समिति गठित की है।
एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) से अधिकारी और गांधी नगर के जिलाधिकारी को शामिल कर आवेदक की शिकायत पर विचार के लिए एक समिति गठित की है।
एनजीटी ने समिति को स्थल का दौरा करने, हितधारकों से बातचीत करने और प्रस्तावित संयंत्र का पर्यावरण और जन स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों पर गौर करने का निर्देश दिया है।
इसने कहा कि समिति मौजूदा एसटीपी के खराब कामकाज के खिलाफ शिकायत को भी देख सकती है, जिसके परिणामस्वरूप प्रदूषण और सार्वजनिक स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है और सुधारात्मक उपाय भी कर सकती है।
अधिकरण ने कहा कि, अगर एसटीपी को मौजूदा स्थान पर अनुमति देनी है तो सभी उचित एहतियातों को सुनिश्चित किया जाना चाहिए जिसकी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निरंतर निगरानी होनी चाहिए।
पीठ ने कहा, “प्रस्तावित एसटीपी को गंध नियंत्रण व्यवस्था, घने पत्तेदार वृक्षारोपण अवरोधक के साथ बफर बनाए रखने, औद्योगिक एवं अन्य थोक उपयोगकर्ताओं जैसे बिजली संयंत्रों के लिए शोधित जल का उपयोग करने का अनुपालन करना होगा।”
अधिकरण ने कहा कि यह सही है कि एसटीपी के लिए जल अधिनियम के तहत मंजूरी मिलनी चाहिए और यह प्रदूषण का स्रोत हो सकता है, लेकिन अगर एसटीपी पर्यावरणीय नियमों का अनुपालन करता हो और सभी उचित एहतियात बरते जाएं तो एसटीपी स्थापित करने में कोई कानूनी बाधा नही हैं।
एनजीटी ने कहा, ‘‘एसटीपी के अभाव में अशोधित जलमल से जल एवं अन्य प्रदूषण हो सकता है।
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