NFSH-5 Report: देश में हर तीसरी महिला का वजन सामान्य से अधिक, शहरों के मुकाबले गांवों में स्थिति बेहतर
By नितिन अग्रवाल | Published: December 15, 2020 08:32 AM2020-12-15T08:32:55+5:302020-12-15T08:49:01+5:30
NFSH-5: स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे में ये बात सामने आई है कि महाराष्ट्र में मोटापे के शिकार पुरुषों की संख्या में वृद्धि हुई है। पूरे देश की बात करें मोटापे की शिकार महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है।
नई दिल्ली: भारत में पुरुष अपना मोटापे पर नियंत्रण के मामले में महिलाओं को पीछे छोड़ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के अनुसार देश में मोटापे की शिकार होने वाली महिलाओं की तादाद बढ़ रही है, वहीं ऐसे पुरुषों की संख्या में कमी आई है.
हालांकि महाराष्ट्र की तस्वीर इससे बिल्कुल विपरीत है. सर्वे के आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र में 23.4 % महिलाएं मोटापे की शिकार हैं. जबकि ऐसे पुरुषों की संख्या 24.7 दर्ज की गई. वर्ष 2015-16 में हुए पिछले सर्वे से तुलना करें तो राज्य में सामान्य से अधिक वजन वाली महिलाओं की तादाद स्थिर रही है जबकि पुरुषों की संख्या में लगभग 1 % की बढ़ोतरी हुई है.
राज्य के ग्रामीण इलाकों में अधिक वजनी लोगों की तादाद शहरों के मुकाबले काफी कम है. शहरी इलाकों में ऐसी महिलाओं की संख्या 29.6 % है वहीं, ग्रामीण इलाकों में 18.3.% . इसी तरह शहरों में 28.9 % पुरुषों का वजन सामान्य से अधिक है। वहीं गांव में 21.3 % पुरुषों का वजन सामान्य से अधिक है.
44.5% महिलाएं, 40.7% पुरुषों पर खतरा
रिपोर्ट के अनुसार मोटापे की शिकार महिलाओं में से 44.5 तथा 40.7 % पुरुषों की कमर का घेरा खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है. गांवों में ऐसी महिलाओं की तादाद 51.5% तथा पुरुषों की संख्या 43.2% है.
ऐसी महिलाओं की कमर का नाप 85 तथा पुरुषों की कमर का 90 सेंटीमीटर से अधिक है. हालांकि राज्य में सामान्य से कम वजन वाली महिलाओं की स्थिति में पिछले पांच सालों में सुधार हुआ है.
महिलाओं की तादाद पिछले पांच साल में 23.5 प्रतिशत से घटकर 20.8 प्रतिशत हो गई जबकि पुरुषों की तादाद 19.1 प्रतिशत से घटकर 16.2 हुई है.