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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में अगली सुनवाई होगी कल, कोर्ट पहले मुस्लिम पक्ष की याचिका पर करेगी सुनवाई, शृंगार गौरी केस को लेकर भी होगी चर्चा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 25, 2022 15:12 IST

Gyanvapi Case: आपको बता दें कि हिंदू पक्ष के वकील ने यह कहा है कि कमीशन की रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से लिखा है कि वहां पर शिवलिंग मिला है।

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ठळक मुद्दे26 मई को ज्ञानवापी मामले की अगली सुनवाई होगी।कल अदालत पहले मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करेगी।कोर्ट कल यह भी सुनवाई करेगी कि शृंगार गौरी केस सुनने लायक है या नहीं है।

Gyanvapi Case: अदालत ज्ञानवापी मामले में अगली सुनवाई कल यानी 26 मई को करेगी। कोर्ट का मामले में कहना है कि वह पहले मुस्लिम पक्ष की याचिका की सुनवाई करेगी। वाराणसी जिला अदालत ने कहा है कि वह 26 मई को ऑर्डर 7/11 पर सुनवाई करेगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि वह कल इस मामले में भी सुनवाई करेगी कि क्या शृंगार गौरी केस सुनने लायक है या नहीं है। आपको बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर विवाद चल रहा है और ऐसे में कोर्ट ने दोनों पक्षों से एक हफ्ते के अंदर अपनी आपत्ति दर्ज करने को कहा है। 

हिंदू पक्ष के वकील ने क्या कहा

मामले में बोलते हुए हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि मुकदमे की अस्वीकृति के संबंध में 7 11 CPC के तहत मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई 26 मई को होगी। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट ने दोनों पक्षों को आयोग की रिपोर्ट पर आपत्ति दर्ज कर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। हिंदू पक्ष के वकील ने यह भी कहा है कि कमीशन की रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से लिखा है कि वहां पर शिवलिंग मिला है। जब वहां शिवलिंग मिला है तो उस जगह का धार्मिक स्वरूप हिंदू मंदिर का है जिसे जबरन तलवार की नोक पर एक मस्जिद का रूप दिया गया है। 

मुस्लिम पक्ष के वकील ने क्या कहा

मुस्लिम पक्ष के वकील अभय नाथ यादव ने बताया कि उन्होंने सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि उन्होंने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर यह कहा है कि यह मुकदमा सुनने लायक नहीं है क्योंकि ज्ञानवापी प्रकरण की सुनवाई करना उपासना स्थल अधिनियम-1991 का उल्लंघन है। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने पिछली 20 मई को ज्ञानवापी मामले को वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत से जिला जज के न्यायालय में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। 

मामला अत्यंत संवेदनशील है, तजुर्बेकार न्यायिक अधिकारी करें जांच

न्यायालय का कहना था कि चूंकि यह मामला अत्यंत संवेदनशील है इसीलिए कोई तजुर्बेकार न्यायिक अधिकारी इस मामले को सुने। न्यायालय ने निर्देश दिए थे कि जिला जज आठ हफ्ते में अपनी सुनवाई पूरी करें। इस बीच, विश्व वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह बिसेन ने बताया कि संगठन की महामंत्री उनकी पत्नी किरण सिंह की ओर से सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में ज्ञानवापी परिसर में मुसलमानों के प्रवेश को वर्जित करने, परिसर को हिंदुओं को सौंपने तथा ज्ञानवापी में मिले आदि विश्वेश्वर शिवलिंग की नियमित पूजा अर्चना करने के अधिकार के लिए याचिका दायर की गई है। 

ज्ञानवापी मामले में अब तक क्या हुआ

ज्ञातव्य है कि दिल्ली निवासी राखी सिंह तथा अन्य की याचिका पर वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने पिछली 26 अप्रैल को ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कराए जाने का निर्देश दिया था। सर्वे का यह काम पिछली 16 मई को मुकम्मल हुआ था, जिसकी रिपोर्ट 19 मई को अदालत में पेश की गई थी। हिंदू पक्ष ने सर्वे के अंतिम दिन ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया था, जिसे मुस्लिम पक्ष ने नकारते हुए कहा था कि वह शिवलिंग नहीं बल्कि फव्वारा है। 

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