New Parliament Inauguration: संसद भवन उद्घाटन समारोह में 25 दल होंगे शामिल, 21 पार्टियों ने बहिष्कार का फैसला किया, देखें कौन-कौन शामिल
By सतीश कुमार सिंह | Published: May 25, 2023 09:35 PM2023-05-25T21:35:58+5:302023-05-25T21:44:24+5:30
New Parliament Inauguration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रविवार को नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में करीब 25 राजनीतिक दलों के शामिल होने की संभावना है, वहीं करीब 21 दलों ने समारोह के बहिष्कार का फैसला किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को उद्घाटन करेंगे।
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को उद्घाटन करेंगे। विपक्ष के बहिष्कार आह्वान के बीच 25 राजनीतिक दलों के शामिल होने की संभावना है। कुछ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा नहीं हैं। भाजपा के अलावा, अन्नाद्रमुक, अपना दल, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया, शिवसेना के शिंदे गुट, एनपीपी और एनपीएफ सहित एनडीए में कई दलों ने समारोह में भाग लेने की पुष्टि की है।
उद्घाटन में बीजू जनता दल, टीडीपी और वाईएसआरसीपी सहित कई दल मौजूद रहेंगे। रविवार को होने वाले समारोह में शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाजवादी पार्टी और जेडीएस शामिल होंगे। कांग्रेस सहित 21 विपक्षी दलों ने संसद भवन के उद्घाटन के बहिष्कार की घोषणा की है।
25 parties including non-NDA to attend new Parliament building inauguration ceremony
— ANI Digital (@ani_digital) May 25, 2023
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राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के 18 घटक दलों के साथ ही सात गैर-राजग दल समारोह में शामिल होंगे
28 मई को प्रात:काल में एक विस्तृत समारोह होगा, जिसमें वैदिक रीति से की जाने वाली पूजाएं प्रात: 7:30 बजे से प्रारंभ होकर लगभग 9 बजे तक चलेंगी, जिसके बाद उद्घाटन समारोह दोपहर के आसपास शुरू होने की उम्मीद है। सुबह की पूजा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, उपसभापति हरिवंश और कुछ शीर्ष अधिकारियों के उपस्थित होने की उम्मीद है।
"I will be attending the inauguration of the new building of Parliament House. That magnificent building was built with the tax money of the people of the country. It belongs to the country. It is not BJP or RSS office," says HD Deve Gowda JD(S) supremo and former PM.
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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समेत सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के 18 घटक दलों के साथ ही सात गैर-राजग दल समारोह में शामिल होंगे। बहुजन समाज पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, जनता दल (सेक्यूलर), लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास), वाईएसआर कांग्रेस, बीजू जनता दल और तेलुगू देशम पार्टी समारोह में शामिल होने वाले सात गैर-राजग दल हैं।
पीएमके, एमजीपी, अपना दल और एजीपी के नेता समारोह में शामिल होंगे
इन सात दलों के लोकसभा में 50 सदस्य हैं और इनका यह रुख भाजपा नीत राजग के लिए बड़ी राहत वाला होगा। इन दलों के भाग लेने से राजग को विपक्ष के इन आरोपों का खंडन करने में मदद मिलेगी कि यह एक सरकारी आयोजन है। कांग्रेस, माकपा, भाकपा, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी समेत 21 दलों ने नये संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
भाजपा के अलावा शिवसेना, नेशनल पीपुल्स पार्टी, नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, जननायक जनता पार्टी, अन्नाद्रमुक, आईएमकेएमके, आजसू, आरपीआई, मिजो नेशनल फ्रंट, तमिल मनीला कांग्रेस, आईटीएफटी (त्रिपुरा), बोडो पीपुल्स पार्टी, पीएमके, एमजीपी, अपना दल और एजीपी के नेता समारोह में शामिल होंगे।
नए संसद भवन के औपचारिक उद्घाटन से पहले सुबह हवन और विभिन्न धर्मों की प्रार्थना होगी
नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह रविवार को सुबह हवन और विभिन्न धर्मों की प्रार्थना के साथ शुरू होगा जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा कक्ष में औपचारिक उद्घाटन करेंगे। अधिकारियों ने कहा कि सुबह करीब सात बजे नए भवन के बाहर संसद परिसर में हवन होगा जहां शैव संप्रदाय के महायाजक औपचारिक राजदंड ‘सेंगोल’ मोदी को सौंपेंगे।
सेंगोल को नए संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास स्थापित किया जाएगा। नए संसद भवन के उद्घाटन का मुख्य समारोह रविवार दोपहर प्रधानमंत्री, पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश और अन्य की उपस्थिति में शुरू होने की संभावना है।
Special pujas, elaborate ceremony on May 28 for new Parliament building inauguration
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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष शिवराज पाटिल, कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे तथा विपक्षी दलों के नेताओं को भी निमंत्रण दिया गया है। कम से कम 21 विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा की है, जबकि रविवार के कार्यक्रम में 25 दल सम्मिलित होंगे जिनमें राजग के 18 घटक और सात गैर-राजग दल शामिल हैं।
चार मंजिला संसद भवन का निर्मित क्षेत्र 64,500 वर्ग मीटर
त्रिकोणीय आकार के चार मंजिला संसद भवन का निर्मित क्षेत्र 64,500 वर्ग मीटर है। भवन के तीन मुख्य द्वार हैं- ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार। संसद का वर्तमान भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था, और अब यह 96 साल पुराना है। पुरानी इमारत वर्तमान समय की आवश्यकताओं के लिए अपर्याप्त पाई गई थी।
टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा निर्मित नए संसद भवन में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान हॉल, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थल होगा। मौजूदा भवन ने स्वतंत्र भारत की पहली संसद के रूप में कार्य किया और यह संविधान को अपनाने का साक्षी भी बना।
2006 में संसद संग्रहालय शामिल किया गया था
मूल रूप से ‘काउंसिल हाउस’ कहे जाने वाले इस भवन में ‘इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल’ स्थित थी। अधिक जगह की आवश्यकता को पूरा करने के लिए 1956 में संसद भवन में दो मंजिलों को जोड़ा गया था। भारत की 2,500 वर्षों की समृद्ध लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए इसमें 2006 में संसद संग्रहालय शामिल किया गया था।
अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान भवन को कभी भी द्विसदनीय विधायिका को समायोजित करने के लिहाज से डिज़ाइन नहीं किया गया था और बैठने की व्यवस्था तंग एवं बोझिल थी, तथा दूसरी पंक्ति के बाद कोई डेस्क नहीं था। मौजूदा भवन में सेंट्रल हॉल में केवल 440 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता है और दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के दौरान अधिक जगह की आवश्यकता महसूस की गई थी।