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संसद भवन की नयी इमारत के अलावा एकीकृत केन्द्रीय सचिवालय की आठ भव्य इमारतों में होंगे सभी मंत्रालय

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 1, 2020 15:09 IST

इस योजना के तहत प्रधानमंत्री आवास को भी साउथ ब्लाक स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय के पास ही स्थानांतरित किया जायेगा। परियोजना के तहत बनने वाली इमारतों के लिये दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा भू उपयोग में बदलाव के लिये 21 दिसंबर को जारी अधिसूचना साउथ ब्लॉक के समीप 15 एकड़ क्षेत्रफल वाले एक भूखंड को भी शामिल किया गया है।

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ठळक मुद्देकेन्द्रीय सचिवालय के लिये सौ एकड़ से अधिक जमीन का भू उपयोग बदलने के प्रस्ताव वाली अधिसूचना जारी कर दी गयी है।मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार संसद भवन पुनर्विकास परियोजना के तहत विभिन्न स्थानों पर फैले सभी केन्द्रीय मंत्रालयों को एक ही स्थान पर लाने की योजना है।

संसद भवन के पुनर्विकास की योजना के तहत सभी केन्द्रीय मंत्रालयों को एक ही स्थान पर लाने के लिये एकीकृत केन्द्रीय सचिवालय की भव्य और विशालकाय आठ इमारतें बनायी जायेगी। आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार मोदी सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत एकीकृत केन्द्रीय सचिवालय सात मंजिला आठ इमारतों में होगा।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन वर्ग किमी के क्षेत्रफल में मौजूद सेंट्रल विस्टा, संसद भवन की इमारत और एकीकृत केन्द्रीय सचिवालय के लिये सौ एकड़ से अधिक जमीन का भू उपयोग बदलने के प्रस्ताव वाली अधिसूचना जारी कर दी गयी है। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार संसद भवन पुनर्विकास परियोजना के तहत विभिन्न स्थानों पर फैले सभी केन्द्रीय मंत्रालयों को एक ही स्थान पर लाने की योजना है।

इस परियोजना में संसद भवन की नयी इमारत के लिये 9.5 एकड़ जमीन मौजूदा संसद भवन के सामने ही चिन्हित की गयी है। सूत्रों के अनुसार संसद भवन की नयी इमारत त्रिभुजाकार होगी। इसका निर्माण 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है ताकि आजादी की 75वीं सालगिरह पर अगस्त 2022 में नये संसद भवन में विशेष सत्र का आयोजन किया जा सके। इसके अलावा केन्द्र सरकार के मंत्रालयों के लिये 76.6 एकड़ जमीन में एकीकृत केन्द्रीय सचिवालय बनाया जायेगा। इसका निर्माण कार्य 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।

इसके लिये विभिन्न मंत्रालयों के लिये इस्तेमाल की जा रही इमारतों, शास्त्री भवन, कृषि भवन, और परिवहन भवन के अलावा विज्ञान भवन की जगह एकीकृत केन्द्रीय सचिवालय की नयी इमारत बनेगी। परियोजना के बारे में सूत्रों ने बताया कि इस बात का खास तौर पर ध्यान रखा गया है कि संसद भवन और केन्द्रीय सचिवालय की इमारतों की ऊंचाई इंडिया गेट की ऊंचाई से कम होगी।

इस योजना के तहत प्रधानमंत्री आवास को भी साउथ ब्लाक स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय के पास ही स्थानांतरित किया जायेगा। परियोजना के तहत बनने वाली इमारतों के लिये दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा भू उपयोग में बदलाव के लिये 21 दिसंबर को जारी अधिसूचना साउथ ब्लॉक के समीप 15 एकड़ क्षेत्रफल वाले एक भूखंड को भी शामिल किया गया है। अधिसूचना में इस भूखंड का उपयोग आवासीय श्रेणी में दर्शाया गया है।

समझा जाता है कि इस भूखंड पर प्रस्तावित प्रधानमंत्री आवास निर्मित होगा। उल्लेखनीय है कि आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गत सितंबर में इस परियोजना के मौलिक स्वरूप को सार्वजनिक करते हुये कहा था कि संसद भवन इमारत मौजूदा समय की जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ साबित हो रही है। इसलिये नये सिरे से सेंट्रल विस्टा क्षेत्र का पुनर्विकास किया जायेगा।

इसके तहत संसद भवन की मौजूदा इमारत और नॉर्थ ब्लॉक एवं साउथ ब्लॉक की ऐतिहासिक इमारतें यथावत बरकरार रहेंगी। ब्रिटिश काल में निर्मित इन इमारतों का इस्तेमाल संग्रहालय के रूप में किया जा सकता है।

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