New Income Tax Bill: आयकर विभाग द्वारा जल्द ही नए इनकम टैक्स बिल के तहत कामकाज किया जाएगा। इस बिल के अनुसार, आयकर अधिकारी सिर्फ छापे के दौरान टैक्सपेयर के सोशल मीडिया, ईमेल अकाउंट की जांच कर सकते है। नए आयकर विधेयक के तहत कर अधिकारी सिर्फ छापों के दौरान ही डिजिटल क्षेत्र या कंप्यूटर उपकरण तक पहुंच हासिल कर सकेंगे। आयकर विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इस प्रावधान का मकसद आम करदाताओं की ऑनलाइन गोपनीयता का उल्लंघन करना नहीं है।
उन्होंने कहा कि अगर किसी करदाता का मामला जांच के दायरे में आ जाए, तो भी उसकी गोपनीयता बरकरार रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस तरह की शक्तियां 1961 के अधिनियम में ‘पहले से मौजूद’ थीं, और इन्हें केवल 2025 के आयकर विधेयक में दोहराया गया है।
अधिकारी ने कुछ मीडिया रिपोर्ट और विशेषज्ञों के इस दावे को खारिज किया कि कर अधिकारियों को करदाताओं के ईमेल, सोशल मीडिया हैंडल और क्लाउड स्टोरेज स्पेस सहित इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड तक पहुंच हासिल करने के अतिरिक्त अधिकार दिए गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी खबरें डर फैलाने के अलावा कुछ नहीं हैं। कर विभाग करदाता के सोशल मीडिया खाते या ऑनलाइन गतिविधियों की जासूसी नहीं करता है।’’ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘इन अधिकारों का इस्तेमाल केवल तलाशी या छापेमारी अभियान के दौरान किया जाना चाहिए।
छापों के दौरान भी ऐसा तब किया जाएगा, जब करदाता डिजिटल स्टोरेज ड्राइव, ईमेल, क्लाउड और व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे संचार मंचों के पासवर्ड साझा करने से इनकार करेगा।’’ आयकर विधेयक, 2025 इस समय संसद के समक्ष है।
सरकार ने दशकों पुराने आयकर अधिनियम 1961 में बदलाव करते हुए नया विधेयक लाया है, जिसका उद्देश्य प्रत्यक्ष कर कानून को करदाताओं के लिए सरल और आसान बनाना है।
मौजूदा कानून के तहत, धारा 132 किसी प्राधिकृत अधिकारी को यह अधिकार देती है कि वह किसी भी व्यक्ति को, जिसके पास इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड के रूप में बही, खाते या अन्य दस्तावेज पाए जाते हैं, ऐसे दस्तावेजों का निरीक्षण करने और ऐसे दस्तावेज (आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 2(22एए) के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड सहित) जब्त करने की सुविधा प्रदान करे।
अधिकारी ने कहा, "स्मार्ट इंटरनेट-आधारित उपकरणों और प्रौद्योगिकी के आगमन के साथ कर अपराध और कर चोरी के तरीके एक नए स्तर पर पहुंच गए हैं।" दूसरे अधिकारी ने कहा, "तलाशी और सर्वेक्षण जैसी बलपूर्वक कार्रवाई के दौरान डिजिटल उपकरणों और स्थानों तक पहुँच प्राप्त करना साक्ष्य खोजने के लिए महत्वपूर्ण है और जब आप डेटा देखते हैं तो ये छापे सीमित होते हैं।"