New Criminal Law Bills: मॉब लिंचिंग पर फांसी की सजा, 9 नई धाराएं जोड़ी, 39 नए सब सेक्शन जोड़े, यहां हुए बड़े बदलाव, देखें सबकुछ
By सतीश कुमार सिंह | Published: December 20, 2023 05:40 PM2023-12-20T17:40:17+5:302023-12-20T17:41:38+5:30
New Criminal Law Bills: अंग्रेजों द्वारा बनाया गया राजद्रोह का कानून, जिसके तहत तिलक महाराज, महात्मा गांधी, सरदार पटेल... हमारे बहुत सारे स्वतंत्रता सेनानी सालों साल जेल में रहे और वह कानून आज तक चलता रहा।
New Criminal Law Bills: गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कई सवाल के जवाब दिया। आतंकवाद की व्याख्या अब तक किसी भी कानून में नहीं थी। पहली बार अब मोदी सरकार आतंकवाद को व्याख्यायित करने जा रही है। जिससे इसकी कमी का कोई फायदा न उठा पाए। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (CRPC) में पहले 484 धाराएं थीं, अब 531 होंगी, 177 धाराओं में बदलाव हुआ है।
New criminal law bills in consonance with spirit of Constitution: Amit Shah in Lok Sabha
— ANI Digital (@ani_digital) December 20, 2023
Read @ANI Story | https://t.co/SSokxdxCpG#AmitShah#LokSabha#Newcriminallawbillspic.twitter.com/lRtHBcvFhX
9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं, 39 नए सब सेक्शन जोड़े गए हैं, 44 नए प्रोविजन और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं, 35 सेक्शन में टाइम लाइन जोड़ी हैं और 14 धाराओं को हटा दिया गया है। महिलाओं के प्रति अपराध पर अब कोई नहीं समझौता होगा। राज्य का सबसे पहला कर्तव्य न्याय होता है। न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका... लोकतंत्र के तीन स्तंम्भ हैं।
LIVE: Union Home Minister Shri @AmitShah speaks in the Lok Sabha.#NayeBharatKeNayeKanoonhttps://t.co/Xc2vtY6G9c
— BJP (@BJP4India) December 20, 2023
शाह ने कहा कि मॉब लिंचिंग घृणित अपराध है और हम इस कानून में मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान कर रहे हैं। लेकिन मैं विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि आपने भी वर्षों देश में शासन किया है, आपने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून क्यों नहीं बनाया? आपने मॉब लिंचिंग शब्द का इस्तेमाल सिर्फ हमें गाली देने के लिए किया, लेकिन सत्ता में रहे तो कानून बनाना भूल गए।
मॉब लिंचिंग पर सख्त कानून लेकर आयी मोदी सरकार।
— BJP (@BJP4India) December 20, 2023
मॉब लिंचिंग की घटनाओं में आजीवन कारावास से लेकर मृत्युदंड की सजा का किया गया है प्रावधान।#NayeBharatKeNayeKanoonpic.twitter.com/TIjj2HxxSo
इस ऐतिहासिक सदन में करीब 150 साल पुराने तीन कानून, जिनसे हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली चलती है, उन तीनों कानूनों में पहली बार मोदी जी के नेतृत्व में भारतीयता, भारतीय संविधान और भारत की जनता की चिंता करने वाले बहुत आमूल-चूल परिवर्तन लेकर मैं आया हूं।
आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है मोदी सरकार,
— BJP (@BJP4India) December 20, 2023
पहली बार भारतीय न्याय संहिता में दी गयी है आतंकवाद की व्याख्या। #NayeBharatKeNayeKanoonpic.twitter.com/ivy1cV1Qkd
Indian Penal Code जो 1860 में बना था, उसका उद्देश्य न्याय देना नहीं बल्कि दंड देना ही था। उसकी जगह भारतीय न्याय संहिता 2023 इस सदन की मान्यता के बाद पूरे देश में अमल में आएगी। CrPc की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 इस सदन के अनुमोदन के बाद अमल में आएगी। और Indian Evidence Act 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 अमल में आएगा।
राजद्रोह जैसे अंग्रेजों के काले कानूनों का नए भारत में हुआ सफाया। #NayeBharatKeNayeKanoonpic.twitter.com/hg8VhawiIC
— BJP (@BJP4India) December 20, 2023
लोकसभा ने औपिनवेशिक काल से चले आ रहे तीन आपराधिक कानूनों के स्थान पर सरकार द्वारा लगाए गए विधेयकों को बुधवार को मंजूरी दे दी। सदन ने लंबी चर्चा और गृहमंत्री अमित शाह के विस्तृत जवाब के बाद भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) विधेयक, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) विधेयक, 2023 और भारतीय साक्ष्य (बीएस) विधेयक, 2023 को ध्वनमित से अपनी स्वीकृति दी।
तीनों विधेयक भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860, दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी),1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 के स्थान पर लाये गए हैं। विधेयकों पर चर्चा का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि ‘व्यक्ति की स्वतंत्रता, मानवाधिकार और सबके साथ समान व्यवहार’ रूपी तीन सिद्धांत के आधार पर ये प्रस्तावित कानून लाये गए हैं।
मॉब लिंचिंग घृणित अपराध है और हम नए कानून में मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान कर रहे हैं।
— BJP (@BJP4India) December 20, 2023
लेकिन मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि आपने भी वर्षों देश में शासन किया है, आपने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून क्यों नहीं बनाया?
आपने मॉब लिंचिंग शब्द का इस्तेमाल सिर्फ… pic.twitter.com/PSCAty3uo7
गृहमंत्री का कहना था कि आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव किया जा रहा है, जो भारत की जनता का हित करने वाले हैं। शाह ने कहा कि इन विधेयकों के माध्यम से सरकार ने तीनों आपराधिक कानूनों को गुलामी की मानसिकता से मुक्त कराया है। उनका कहना था, ‘‘पहले के कानूनों के तहत ब्रिटिश राज की सलामती प्राथमिकता थी, अब मानव सुरक्षा, देश की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है।’’
शाह ने कहा, ‘‘इस ऐतिहासिक सदन में करीब 150 साल पुराने तीन कानून, जिनसे हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली चलती है, उनमें पहली बार मोदी जी के नेतृत्व में भारतीयता, भारतीय संविधान और भारत की जनता की चिंता करने वाले बहुत आमूल-चूल परिवर्तन लेकर मैं आया हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद की व्याख्या अब तक किसी भी कानून में नहीं थी।
यौन उत्पीड़न के प्रति संवेदनशील मोदी सरकार। #NayeBharatKeNayeKanoonpic.twitter.com/ZaPGWQNbsy
— BJP (@BJP4India) December 20, 2023
पहली बार अब मोदी सरकार आतंकवाद की व्याख्या करने जा रही है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार राजद्रोह को देशद्रोह में बदलने जा रही है। चर्चा में भाग लेते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद निशिकांत दुबे ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि आपराधिक कानूनों से संबंधित विधेयक देश में ‘पुलिस राज’ से मुक्ति और गुलामी की निशानियों को मिटाकर भारतीय परंपरा को स्थापित करने के लिए लाये गए हैं।
एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने आपराधिक कानूनों की जगह सरकार द्वारा लाये गए तीन विधेयकों का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि ये तीनों प्रस्तावित कानून ‘‘सरकार के अपराधों को कानूनी शक्ल देने के लिए बनाए जा रहे हैं’’।
आतंकवाद की व्याख्या अब तक किसी भी कानून में नहीं थी।
— BJP (@BJP4India) December 20, 2023
पहली बार अब मोदी सरकार आतंकवाद को व्याख्यायित करने जा रही है।
जिससे इसकी कमी का कोई फायदा न उठा पाए।
इसके साथ-साथ राजद्रोह को देशद्रोह में बदलने का काम किया जा रहा है।
- श्री @AmitShah#NayeBharatKeNayeKanoonpic.twitter.com/x1vSWlMxRa
शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि इस कानून में पुलिस को अत्यधिक अधिकार दिए गए हैं, जबकि लोगों में पुलिस राज का डर कम से कम होना चाहिए। भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि पहले की सरकारों में इच्छाशक्ति का अभाव था, लेकिन यह सरकार अपनी इच्छाशक्ति की बदौलत ये विधेयक लेकर आई है।
उन्होंने कहा कि प्रताड़ना करने वालों को दंड मिलेगा, इसका भी विधेयक में प्रावधान किया गया है। भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने सरकार से पशु क्रूरता विरोधी कानून में संशोधन लाकर इसमें कड़े प्रावधान करने का आग्रह किया।