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नए कृषि कानूनों से औद्योगिक समूह किसानों को अपने जाल में फंसा कर बर्बाद कर देंगे : कमलनाथ

By भाषा | Updated: January 20, 2021 22:04 IST

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मुरैना (मप्र), 20 जनवरी मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को दावा किया कि केन्द्र के नए तीन कृषि कानूनों से खेती का निजीकरण होगा और अनुबंध खेती के माध्यम से बड़े-बड़े औद्योगिक समूह किसानों को अपने जाल में फंसा कर बर्बाद कर देंगे।

कमलनाथ ने मुरैना जिले के देवरी गांव स्थित क्वारी नदी किनारे आयोजित किसान खाट महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘इस कानून से कृषि क्षेत्र का निजीकरण होगा। अनुबंध खेती के माध्यम से बड़े-बड़े औद्योगिक समूह किसानों को अपने जाल में फंसा कर बर्बाद कर देंगे। इन कानूनों के लागू होने से किसान बड़े व्यापारियों के यहां बंधक बन जाएगा, मंडी खत्म हो जायेगी, एमएसपी खत्म हो जाएगी, खेती ठेके पर चली जायेगी और खाद-बीज के मालिक व्यापारी बन जाएंगे। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘इससे कृषि क्षेत्र और किसान पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे।’’

कमलनाथ ने कहा कि हमारे देश की 70 प्रतिशत अर्थव्यवस्था कृषि क्षेत्र पर आधारित है। इन तीन किसान विरोधी कानूनों से ना सिर्फ कृषि क्षेत्र व किसान बर्बाद होगा, बल्कि इससे जुड़ा हर क्षेत्र बर्बाद होगा।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को किसानों की माँग मानते हुए इन किसान विरोधी तीनों कानूनों को तत्काल वापस लेना चाहिये।

कमलनाथ ने कहा कि आज किसान कड़ाके की ठंड में अपनी मांगों को लेकर पिछले 56 दिन से आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक 60 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है, लेकिन सरकार का अड़ियल व तानाशाही रुख़ बना हुआ है।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों के हर संघर्ष में उनके साथ है और जब तक किसानों की मांगे मान नहीं ली जाती, तब तक हमारा यह संघर्ष जारी रहेगा।

कमलनाथ ने आरोप लगाया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है।

इस अवसर पर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार के इन कृषि कानूनों के खिलाफ एक पर्चा छपवा कर बंटवाया है। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ है। किसान ऐसे ही डटे रहे तो केंद्र सरकार को कृषि कानून वापस लेने ही होंगे।’’

मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री पी सी शर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि कृषि कानूनों के विरोध में कांग्रेस 23 जनवरी को प्रदेश की राजधानी भोपाल में राजभवन का घेराव करेगी और उसके बाद 26 जनवरी को ट्रैक्टर-ट्रॉली के जरिए कांग्रेस के तमाम बड़े नेता किसानों के साथ दिल्ली के लिए कूच करेंगे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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