दिखने लगा है बिगड़ते रिश्तो का असर: बिहार की सिंचाई और बाढ़ निरोधक योजनाओं में भी लगातार दखल दे रहा है नेपाल
By एस पी सिन्हा | Published: June 21, 2020 04:29 PM2020-06-21T16:29:56+5:302020-06-21T16:29:56+5:30
बिहार के जल संसाधन विभाग के अधिकारी लगातार संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं. इसको लेकर पत्र भी लिखा गया है. लेकिन नेपाल लॉकडाउन का कारण बताकर पला झाड़ रहा है. गंडक बराज में कुल 36 फाटक हैं. इसमें आधा फाटक नेपाल के हिस्से में पड़ता है.
पटना: नेपाल अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. अब नेपाल ने बिहार की सिंचाई और बाढ़ निरोधक योजनाओं में लगातार दखल दे रहा है. वह वाल्मीकिनगर में गंडक बराज के एफ्लक्स बांध की मरम्मत का अनुमति नहीं दे रहा है. अगर बांध पर पानी का दवाब बढ़ा तो बांध टूट सकता है. इसके साथ ही अब नेपाल से बिगड़ते रिश्तो का असर इन संबंधों पर भी पड़ने लगा है.
बताया जा रहा है कि बांध की मरम्मत के लिए बिहार गंभीर है, लेकिन इसको नेपाल हल्के में ले रहा है. बिहार के जल संसाधन विभाग के अधिकारी लगातार संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं. इसको लेकर पत्र भी लिखा गया है. लेकिन नेपाल लॉकडाउन का कारण बताकर पला झाड़ रहा है. गंडक बराज में कुल 36 फाटक हैं. इसमें आधा फाटक नेपाल के हिस्से में पड़ता है. भारत के हिस्से में पड़ने वाले बांध की मरम्मत हो चुकी है, लेकिन नेपाल एरिया में पड़ने वाले बांध का मरम्मत काम बाकी है. बिहार में मानसून आ चुका है. भारी बारिश होने के बाद बांध पर पानी का दबाव बढ़ेगा ऐसे में अगर बांध टूटा को भारी नुकसान बिहार को हो सकता है. उधर, भारत और नेपाल के बीच का संबंध रोटी और बेटी का बताया जाता है. खासतौर पर बिहार से सटे नेपाल के इलाकों में एक दूसरे देश के अंदर खूब शादियां होती हैं, लेकिन अब नेपाल से बिगड़ते रिश्तो का असर इन संबंधों पर भी पड़ने लगा है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार नेपाल सरकार ने जो कदम उठाया है उसके बाद अगर किसी भारतीय महिला की शादी नेपाल में हुई तो उसे नागरिकता के लिए 7 सालों तक इंतजार करना होगा. नेपाल में भारतीय महिलाओं को शादी के तुरंत बाद नागरिकता मिल जाती थी, लेकिन अब इसे रोकने के लिए नेपाल सरकार कड़े कानून लाने जा रही है. नेपाल सरकार के हालिया रुख ने भारत के साथ उसके राजनीतिक और कूटनीतिक संबंधों में पहले से ही खाई चौड़ी कर दी है और अब वह वैवाहिक और परिवारिक संबंधों को भी खत्म करने की भी तैयारी में है. नेपाल सरकार के नए फैसले के बाद अगर किसी भारतीय महिला की शादी नेपाल में होती है, तो उसे सभी प्रकार के नागरिक अधिकारों से 7 वर्षों तक वंचित रहना होगा. इस दौरान ना तो वह महिला राजनीतिक अधिकार प्राप्त कर सकती है और ना ही किसी अन्य तरह का.
प्राप्त जानकारी के अनुसार आज नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक में नागरिकता संबंधी संशोधित कानून को संसद में पास कराने का फैसला किया गया है. सत्तारूढ कांग्रेस पार्टी के पास लगभग दो तिहाई बहुमत है, लिहाजा इस संसद में यह कानून बेहद आसानी से पास हो जाएगा. नेपाल की ओली सरकार एक रणनीति के तहत कदम आगे बढ़ा रही है. जानकारों के अनुसार ओली सरकार का मकसद भारत के साथ संबंधों को ऐसे हाशिए पर ले जाकर छोड़ देना है, जहां राजनीतिक और कूटनीतिक के साथ-साथ पारिवारिक संबंध भी खत्म हो जाए. नेपाल सरकार के इस फैसले का सबसे ज्यादा असर बिहार के बॉर्डर वाले इलाकों पर पडेगा. भारत-नेपाल मैत्री संबंधों के मुताबिक अब तक के नेपाल की जिन महिलाओं की शादी भारत में होती है, उन्हें तत्काल नागरिकता दे दी जाती है. जबकि नेपाल सरकार लगातार यह दुष्प्रचार कर रही है कि भारत में नेपाली महिलाओं को 7 साल बाद नागरिकता दी जाती है. हालांकि विदेशी महिलाओं की शादी के मामले में भारत के अंदर यह कानून नेपाल को छोडकर अन्य देशों के लिए है.