Nepal Floods bihar: 56 साल बाद पानी ही पानी?, गंडक बराज वाल्मीकि नगर में 36 फाटक खोले, सुपौल सभी स्कूल बंद, अभियंता तैनात

By एस पी सिन्हा | Updated: September 28, 2024 17:17 IST2024-09-28T17:15:21+5:302024-09-28T17:17:03+5:30

Nepal Floods bihar: नदी में किसी भी प्रकार के नाव परिचालन बंद कर दिया गया है। जल संसाधन विभाग और स्थानीय पदाधिकारी बांधो पर पेट्रोलिंग कर रहे हैं।

Nepal Floods bihar water after 56 years 36 gates opened Gandak Barrage Valmiki Nagar Supaul all schools closed engineers posted | Nepal Floods bihar: 56 साल बाद पानी ही पानी?, गंडक बराज वाल्मीकि नगर में 36 फाटक खोले, सुपौल सभी स्कूल बंद, अभियंता तैनात

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HighlightsNepal Floods bihar: गंडक नदी के तटबंधों की सुरक्षा व्यवस्था चौकस कर दिया गया है।Nepal Floods bihar: बाढ़ को लेकर लोग सहमे हुए हैं। पटना भी प्रभावित हो सकता है।Nepal Floods bihar:गोपालगंज,छपरा, बेतिया,सहित कई जिलों पर पड़ेगा।

Nepal Floods bihar: नेपाल में हो रही भारी बारिश के कारण बिहार में नदियों के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। जल संसाधन विभाग के अनुसार अशनिवार अपराह्न 4 बजे कोसी बराज, वीरपुर से 5,49,500 क्यूसेक और गंडक बराज, वाल्मीकिनगर से 5,01,650 क्यूसेक जलस्राव प्रवाहित हुआ है तथा इसमें वृद्धि हो रही है जो कोसी क्षेत्र के लिए अलार्मिंग है। गंडक बराज से पानी छोड़े जाने के बाद स्थिति गंभीर बनी हुई है। इसको लेकर जल संसाधन विभाग के अधिकारी एवं अभियंता हाई अलर्ट पर हैं। नेपाल से आ रही पानी से बिहार में भारी तबाही मच सकती है। गंडक बराज वाल्मीकि नगर के कुल 36 फाटक खोल दिए गए हैं। पानी में सिल्ट की अधिकता के चलते सुरक्षा हेतु नहरों के गेट बंद कर दिए गए हैं। 56 साल बाद इतना पानी आया है। इसका असर गोपालगंज,छपरा, बेतिया,सहित कई जिलों पर पड़ेगा।

बाढ़ को लेकर लोग सहमे हुए हैं। इसका असर पटना पर भी पड़ सकता है। गंडक नदी के तटबंधों की सुरक्षा व्यवस्था चौकस कर दिया गया है दिन रात लगातार जल संसाधन विभाग और स्थानीय पदाधिकारी बांधो पर पेट्रोलिंग कर रहे हैं। निचले इलाके के लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की सूचना प्रसारित किया गया है। नदी में किसी भी प्रकार के नाव परिचालन बंद कर दिया गया है।

शुक्रवार को ही सुपौल समेत कई जिलों को अलर्ट कर दिया गया था। रात से ही तटबंधों की निगरानी तेज कर दी गई थी। वहीं शनिवार की सुबह कोसी बराज के तमाम फाटक खोलने की नौबत आ गई। इधर, बाढ़ का संकट गहराता देखकर सुपौल में कोसी तटबंध के अंदर के स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया है। तटबंध के अंदर से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है।

मौसम विज्ञान केंद्र पटना ने अगले 24 घंटों के दौरान पांच जिलों के पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज और गोपालगंज में अत्यंत भारी वर्षा को लेकर रेड अलर्ट जारी करते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है। भारी बारिश के साथ-साथ तेज झोंके वाली हवा भी चलेगी, जिससे नुकसान के आसार हैं।

जबकि, आठ जिलों के शिवहर, सीतामढ़ी, सारण, सिवान, सुपौल, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर और पूर्णिया में मध्यम से भारी वर्षा को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, शनिवार को आठ जिलों के दरभंगा, मधुबनी, कटिहार, भोजपुर, बक्सर, सहरसा, दरभंगा और समस्तीपुर जिले में भारी वर्षा को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।

वर्षा के कारण नदियों में जल स्तर में काफी वृद्धि होने की संभावना है। मौसम विभाग ने अगले 3 दिनों तक बारिश और वज्रपात को लेकर अलर्ट जारी किया है। नदियों के बढ़ते जलस्तर को लेकर बांधों के सतत निगरानी में प्रशासन और जल संसाधन विभाग की टीम जुटी हुई है। अभियंता और एसडीआरएफ की टुकड़ी को तैनात किया गया है, ताकि आपदा जैसी घड़ी में निपटा जा सके।

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