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Nepal Floods Bihar crisis: बिहार के 29 जिलों में बाढ़ तबाही?, 60 साल का रिकॉर्ड टूटा, 7 तटबंध टूटे, गंगा, कोसी, बागमती, कमला बलान और गंडक में...

By एस पी सिन्हा | Updated: September 30, 2024 17:03 IST

Nepal Floods Bihar crisis: पिछले 24 घंटों में कई जगह तटबंध टूट गए, लगभग दस लाख लोग प्रभावित हुए हैं। कई गांव के लोग बाढ़ से त्राहिमाम कर रहे हैं।

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ठळक मुद्देसड़क पर कल तक गाड़ी चलती थी वहां अब नाव चल रहे हैं। बिहार में करीब 60 साल का रिकॉर्ड टूट गया है।बाढ़ ने बिहार के कई इलाकों को बर्बाद कर दिया है।

Nepal Floods Bihar crisis: बिहार में मॉनसून की विदाई से पहले बाढ़ के कारण सोमवार सुबह 10 बजे तक राज्य के 29 जिलों में बाढ़ का कहर देखने को मिल रहा है। राज्य में बाढ़ के कारण हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं। ऐसे में सेना बुलाने की बात होने लगी है। नेपाल में हो रही बारिश के कारण बिहार में गंगा, कोसी, बागमती, कमला बलान, गंडक आदि नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है। बहुत दिनों के बाद बिहार में ऐसी आपदा आई है। आलम यह है कि कई जिलों से तटबंध टूटने की खबर मिल रही है। बाढ़ के कारण गांव के गांव पानी में डूब चुके हैं और लोग बेघर होकर सुरक्षित ठिकानों की तलाश में भटक रहे हैं। सरकार ने पहले कहा था कि सभी तटबंध सुरक्षित हैं, लेकिन पिछले 24 घंटों में कई जगह तटबंध टूट गए, लगभग दस लाख लोग प्रभावित हुए हैं। कई गांव के लोग बाढ़ से त्राहिमाम कर रहे हैं।

जनजीवन को अस्त-व्यस्त हो गया है। जिस सड़क पर कल तक गाड़ी चलती थी वहां अब नाव चल रहे हैं। बिहार में करीब 60 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। बाढ़ ने बिहार के कई इलाकों को बर्बाद कर दिया है। लोग घर छोड़कर भागने के लिए विवश हैं। जल संसाधन विभाग के मुताबिक, वीरपुर बैराज में कोसी का जलस्राव सोमवार को सुबह छह बजे 2,65,530 क्यूसेक था, जबकि 10 बजे यह घटकर 2,54,385 क्यूसेक हो गया है। इसी तरह वाल्मीकि नगर बैराज में सुबह 10 बजे गंडक का जल स्राव भी 1,55,600 लाख क्यूसेक है। इस बीच, प्रदेश की सभी प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, सिवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण एवं सहरसा जिले में स्थिति भयावह होती जा रही है। बाढ़ से प्रभावित आबादी को सुरक्षित निकालने के लिए एनडीआरएफ -एसडीआरएफ की 12 टीमों को तैनात किया गया है।

इसके अतिरिक्त वाराणसी से एनडीआरएफ की तीन टीमों को बुलाया गया है। बताया गया कि लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने एवं आवागमन के लिए 630 नावों का परिचालन कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त बाढ़ पीड़ितों के लिए 43 राहत शिविरों का संचालन किया जा रहा है, जिसमे 11 हजार से अधिक लोग शरण लिये हुए हैं। कोसी-सीमांचल क्षेत्र के हालात अभी और चिंताजनक बने हुए हैं।

इस बीच एकतरफ जहां बाढ़ का पानी कई गांवों में घुस गया है तो वहीं दूसरी ओर पानी में डूबने से भी कई लोगों की मौत की सूचना है। सूबे में अब तक  बाढ़ के कारण सात तटबंध टूट गए हैं। लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं। नदियां विकराल हो चुकी हैं और हजारों लाखों घरों को अपने समाहित करती जा रही हैं। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिसका असर भारत-नेपाल सीमा से लगते जिलों पर सबसे अधिक पड़ा है।

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